महफ़िल
जिस महफ़िल में कोई जानता ना हो,
उस महफ़िल में जाना क्यूं है
जिस महफ़िल में,अनसुना कर दें तुझे
उस महफ़िल में, कुछ सुनाना क्यूं है
मुखौटे लगा कर बैठे हैं लोग जहां,
वहां तुझे भी मुखौटा लगाना क्यूं है
झूठ से ही .गर ख़ुश हैं कुछ लोग,
“गीता” तुझे सच बताना क्यूं है
Wah
बहुत बहुत धन्यवाद
nice
धन्यवाद
मुखौटे लगा कर बैठे हैं लोग जहां,
वहां तुझे भी मुखौटा लगाना क्यूं है
nice lines
बहुत बहुत धन्यवाद
nice
Thanks
बहुत खूब
धन्यवाद🙏
महफिल में कोई जाता ना हो। जानता??
बहुत सुंदर
धन्यवाद🙏
वाह जी वाह
धन्यवाद🙏
जी
वाह