*माँ-बाप के चेहरों पर मुस्कान*
ना जाना बड़े मकानों पर
ना जाना उनकी मुस्कानों पर,
ना देख झुक जाना चमक सोने की
ना प्रभाव में आना,सुन खनक सिक्कों की,
जहां बुजुर्गों का हो सम्मान
जहां माँ-बाप के चेहरों पर हो मुस्कान,
जान लेना यह घर अमीरों का है
उस घर के लोगों को प्रणाम
*****✍️गीता
जी बिल्कुल जिस घर में बड़ों का सम्मान होता है वही घर स्वर्ग समान होता है इससे बढ़कर दुनिया में कुछ भी नहीं है
सुन्दर समीक्षा हेतु हार्दिक धन्यवाद प्रज्ञा जी
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
बहुत खूब
बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी🙏