मातु पिता में भगवान
मातु पिता में ईश्वर होते
कहता भारत का ये ज्ञान।
माॅम डैड में गोड बसे है
क्या कहा फिरंगी ग्रंथ महान।।
गुरुकुल की राह भुलाए जब से।
ग्रैजुएट मूर्ख कहलाए तब से।।
ऐसा मूर्ख भला क्या जाने
अपना भी वो दिन आएगा।
जिसके खातिर सब को छोड़ा
आखिर उसी से दुत्कारा जाएगा।।
बहुत खूब, वाह, माता-पिता में निश्चय ही ईश्वर विद्यमान होते हैं, उत्तम पंक्तियाँ
धन्यवाद जी
भारतीय धर्म ग्रंथ ही ये सिखाते हैं कि माता पिता में ईश्वर विद्यमान है
फिरंगी समाज में ये सब नहीं है…. किंतु आज की पीढ़ी ये सब नहीं समझती या समझना नहीं चाहती। बहुत सुंदर व्याख्या से सजी रचना
शुक्रिया
बहुत खूब
बहुत खूब लिखे हैं आप
आँग्ल भाषा का अनुपम प्रयोग तथा मार्मिक रचना
वाह जी वाह