सद्व्यवहार

रिश्ते बेजान से
मित्र अंजान से
अपने पराये से
हो जाते हैं,
जब सितारे
गर्दिश में हों।।

दुश्मन दोस्त
पराए अपने
और अपने
सर पे बिठाते हैं
जब सितारे
बुलंदी पर हों।।

मुंह देखी प्रीत
दुनियां की रीत है
धन, क्षणिक खुशी
सद्व्यवहार
असल जीत है।।

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Responses

  1. जीवन की सच्चाइयों का यथार्थ चित्रण प्रस्तुत करती हुई,बहुत ही सुन्दर रचना है। कविता की अंतिम पंक्तियों में सद्व्यवहार की ओर प्रेरित करती हुई बहुत उम्दा प्रस्तुति

    1. धन्यवाद् 🙏
      धन कमाने वालों से उनके लाभार्थी ही खुश रहते हैं और सद्व्यवहारी सदियों तक याद रहते हैं।

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