साथ
कौन हमसे आगे निकल गया,
कौन हमसे पीछे रह गया,
केवल यही ना देखना मानव,
देखना है तो यह भी देखना कि,
कौन हमारे साथ है,
जुड़ना बहुत बड़ी बात नहीं,
जुड़े रहना बहुत बड़ी बात है।
कौन छोड़ गया बीच राह,
और किसने थामे रखा हाथ है,
कौन है हमारे साथ और,
हम स्वयं किसके साथ हैं।।
_____✍️गीता
कवि गीता जी की सुन्दर अभिव्यक्ति। अति उत्तम रचना
सुंदर समीक्षा हेतु हार्दिक धन्यवाद सतीश जी बहुत-बहुत आभार सर
अतिसुंदर भाव
बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी सादर आभार 🙏