जिंदगी की चाले
खेलने लगी है जिंदगी मुझसे आज कल कुछ ज्यादा,
चल मैं भी चाल चलती हूं ,पर कर तू एक वादा,
तू अपनी चाल ना रोकना,
मैं खुद का हौसला पहचानूंगी,
तू यू ही पग पग ठुकराना,
मैं सम्भल सम्भल कर तूझे दिखाऊंगी,
जरूरी नहीं आंधियों में चिराग बुझ ही जाएंगे,
तू आंधि बन आना मैं आग लगाने का रखती हूं इरादा।
चल…..
बहुत सुन्दर।
Thank you
Bhut sunder
धन्यवाद दीदी
Nice
Thank you di
Good
Thank you sir
बहुत खूब
Thank you sir
Wah
धन्यवाद
Good
वाह
धन्यवाद
Nice
Thank you di
वाह