मैं समंदर हूँ
मैं समंदर हूँ
ऊपर से हाहाकार
पर भीतर अपनी मौज़ों
में मस्त हूँ
मैं समंदर हूँ
दूर से देखोगे तो मुझमें
उतर चढ़ाव पाओगे
पर अंदर से मुझे
शांत पाओगे
मैं निरंतर बहते रहने
में व्यस्त हूँ
मैं समंदर हूँ
ऐसा कुछ नहीं जो
मैंने भीतर छुपा रखा हो
जो मुझमे समाया
उसे डूबा रखा हो
हर बुराई बाहर निकाल
देने में अभ्यस्त हूँ
मैं समंदर हूँ
हूँ विशाल इतना के
एक दुनिया है मेरे अंदर
जो आया इसमें , उसका
स्वागत है बाहें खोल कर
अपना चरित्र बनाये
रखने में मदमस्त हूँ
मैं समंदर हूँ
लोगों के लिए खारा हूँ
पर तुम बने रहो उसके
लिए सब हारा हूँ
बदले में तुमने जो
दिया उस से अब मैं
त्रस्त हूँ
मैं समंदर हूँ
ऊपर से हाहाकार
पर भीतर अपनी मौज़ों
में मस्त हूँ
मैं समंदर हूँ
मन के भाव सुंदरता से गुंफन मन के भाव सुंदर
Very nice
बहुत खूब
Wah
बहुत सुन्दर
Sunder bhav
bahut bahut aabhar ap sabka es sarahna ke liye….sada aise he protsahan dete rahein …
अच्छा है
वाह
Nice