ग़जल

सावन के पावन कवियों और शाइरों के बीच मेरी कही गई
गज़ल प्र्स्तुत की जाती है.

1-फिर हयात पाएगा मौत पाके आदमी.
रुक ना पायेगा कभी सिलसिला हयात का.
2-तू जहान मै ना चल ख़ुदस री की राह पर.
हक़ पे चल के यही रास्ता नजात का.
3-जिसकी नींद क़िस्मत ए दीन को जगा गई.
केसा होगा जागना उस अज़ीम ज़ात का.
जो भी बन जाता है दिल से आप का फ़रमाँ रावा.
रुख़ पलट देता है पल मै बारिश ए आफ़ात का.
4-सुबह हो के शाम हो, दिन हो चाहे रात हो.
चल रहा है हर घड़ी काम काएनात का.
4-होगया यक़ीं हमें जब खुदा की ज़ात का.
दौर ख़त्म होगया, लात का मनात का.
5-मीम ऐन और फा, ऐसे एक जा हुए.
बारह बनके आगया, जोड़ सात पांच का.
7-रोना छोड़ दीजिये, इस पे ग़ौर कीजिये.
किस तरह से दूर हो दौर मुश्किलात का.
8-होंसलें की शमा कम ना होगी रौशनी.
वक़्त चाहे दिन का हो या अंधेरी रात का.

9-ऐ निगाहे मेहरबां, मेरी सम्त देख ले.
कब से मुन्तज़िर हूँ मैं चश्मे इल्तिफ़ात का.
10- जब तुम्हारी दोस्ती अज़्म जाहिलों से है.
कियूं भला बुरा लगा जाहिलों की बात का

लेख़क मुहम्मद शाकिर “अज़्म “..https://www.facebook.com/mohdshakir.azm

धन्यवाद………

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close