Categories: मुक्तक
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धरती माता
धरती माता ! धरती माता ! करूँ माँ कैसे मैं तेरा गुणगान, आज तो निकली जा रही है सबके प्राण | आज हर शै की…
खुशहाली
अपने पन की बगिया है ,खुशहाली का द्वार जीवन भर की पूंजी है ,एक सुखी परिवार खुशहाली वह दीप है यारों ,हर कोई जलाना चाहता…
हरियाली और खुशहाली रहे
मेरा भारत मेरा देश उन्नति को बढ़े, हर तरफ हरियाली और खुशहाली रहे। दूध की नदियां बहें खेत सोना उगल दें, मेघ जल वर्षा करें,…
मृत टहनियाँ
वो टहनियाँ जो हरे भरे पेड़ों से लगे हो कर भी सूखी रह जाती है जिनपे न बौर आती है न पात आती है आज…
दुर्लभ पेड़
स्वतंत्रता दिवस काव्य पाठ प्रतियोगिता:- बहुत सारी वनस्पतियों में, बस एक ही है वो जादुई पेड़! हरा -भरा ,घना -निराला, अलग-अलग सी कलियां उसकी, खुबसूरत…
Nice
धन्यवाद
वाह
🙏
👏👏