Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
एक सवाल……
एक सवाल दिल का, एक सवाल इश्क़ का, इश्क़ मैं जो बिछड़ जाते है, वो फिर किधर जाते है एक सवाल ज़िन्दगी का, एक सवाल…
जवाब…
जवाब… बस देती ही रही हूं जवाब… घर जाने से लेकर घर आने का जवाब… खाने से लेकर खाना बनाने का जवाब… बस देती ही…
है मानव!
तुम्हें अंदाजा भी है तुम क्या किए जा रहे हो रोज हमें अंत के करीब लिए जा रहे हो हे मानव! क्या तुम्हें समझ है,…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
बहुत खूब, भावों की अभिव्यक्ति की बेहतरीन क्षमता संजोए हुए है आपकी लेखनी। यह प्रखरता बनी रहे।
बहुत बहुत शुक्रिया आपका सर, आपकी समीक्षाएं और आपकी दुआएं मिलती रहें।
अभिवादन🙏
सुंदर
बहुत बहुत धन्यवाद भाई जी 🙏
Nice, very nice
Thanks for your pricious complement 🙏 Chandra ji.
Good
Thank you
बहुत खूब
बहुत शुक्रिया जी
बहुत खूब
शुक्रिया इन्दु जी 🙏