बताओ तब तुम कहाँ थे
जब मुझे कयी
सवालों के घेरे में
रखा जा रहा था,
जिनका क़ोई वजूद नहीं
आते जाते अंगुली उठा रहे थें
बताओ तब तुम कहाँ थे।।
जब मुझे सबसे ज्यादा
जरूरत थी तेरी
छाँव में भी थी
सिर पर धूप घनेरी
पग-पग पर,
पङे थे जब चुनौती
समाज के पैमाने पर
थी उतरने की कसौटी
बताओ तब तुम कहाँ थे।।
Nice
सादर आभार
बहुत खूब
सादर आभार