. ं. किसान
देखो देखो किसान है देश की रीड की हड्डी इनको ना तोड़ो तुम इन को मजबूत बनाओ तो देश मजबूत होगा
इनको ना राजनीति की आग में मत झोंको किसान तो देश की अर्थव्यवस्था का मूल मंत्र है इनको जला दोगे देश का क्या होगा देखो देखो किसान है देश की रीढ़ की हड्डी….
आजादी आंदोलन में जैसे एकजुट हुए थे वैसे किसान आंदोलन में एकजुट हो जाओ आपस का स्वार्थ जला दो.
यहां सिर्फ किसान की बात नहीं है यहां पूरे देश की बात हैं देश की अर्थव्यवस्था की बात है अब तो जागो देशवासियों
किसान आंदोलन पर सुन्दर कविता
सुन्दर
वाह