जी लो, जब तक जीवन है
पापा प्लीज
फीस जमा करादो
छड़ी की मार
सहपाठियों में अपमान
अब सहन नहीं होता।।
मम्मी आज टिफिन में
ठंडी रोटी पे नमक-मिर्च
पानी लगा मत देना,
निरीक्षण है स्कूल में
गर्म पंरांठा रख देना।।
एक शर्ट नयी साड़ी
जुगाड़ कर लेते आना,
चिंदिया लगे कपड़ों में
अब छेद दिखने लगे हैं।।
भाग्यवान तुम भी ना
बच्चों सी बातें ना करो,
आज की महंगाई में बस
जी सको उतनी बात करो।।
एक निर्धन परिवार के वार्तालाप का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत करती हुई बहुत संजीदा रचना
धन्यवाद् 🙏
मिडिल क्लास से नीचे की आज के परिवेश में लगभग यही स्थिति है।
निर्धनता का सजीव और मार्मिक चित्रण
धन्यवाद 🙏
बहुत सुंदर रचना, उत्तम अभिव्यक्ति