यह कैसी है हुड़दंग

होली है
पावन त्यौहार
उड़ रहे हैं रंग
मगर यह कैसी है हुड़दंग,
कई पड़े हुए हैं
सड़क पर नालियों पर
पीकर शराब,
कर दी है उन्होंने
अपने पारिवारिकजनों की
खुशियाँ खराब।
लगी में दौड़ा रहे हैं
अनियंत्रित वाहन,
राहगीरों पर
फेंक रहे हैं
हो-हल्ले का पाहन।
पवित्र होली
में स्वयं का अपवित्र चेहरा
दिखाकर मौहल बिगाड़ रहे हैं
और दिनों की खुंदक
त्यौहार में निकाल रहे हैं।

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Responses

  1. पवित्र होली
    में स्वयं का अपवित्र चेहरा
    दिखाकर मौहल बिगाड़ रहे हैं
    और दिनों की खुंदक
    त्यौहार में निकाल रहे हैं।
    ___________ होली के पावन पर्व पर कवि सतीश जी की यथार्थ से परिपूर्ण बहुत ही सुंदर और लाजवाब रचना अति उत्तम अभिव्यक्ति उम्दा लेखन

  2. Jay ram jee ki
    लगी में दौड़ा रहे है
    अनियंत्रित वाहन,
    राहगीरों पर
    फेंक रहे हैं
    हो-हल्ले का पाहन।

    Typing miss
    Lagi _ gali

  3. होली पर रंग मचा कर त्यौहार का माहौल खराब करने वाले लोगों पर अच्छा तंज कसा है आपने यथार्थ पूर्ण भाव अभिव्यक्ति

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