साजिश
प्यार की जमीं साजिश के तहत तैयार की गयी
ऊर्जा से भरे भारती संतान को बीमार कर गयी
एक उम्र गुजरी अपनों से सीख कर
उनकी आदतों को खुद में कैद कर
पास रहने का बहुत असर होता है
साथ रहने से बहुत फ़र्क पड़ता है
बड़ों की आदतें हमें शिकार कर गयी
स्वस्थ बीज पनपे न बीमार कर गयी —
सुर संगीत के यहां सब दीवाने हैं
गाये तराने ही उन्हें दुहराये जाने है
उदासी के गीत सुरीले बनाये गये
नौजवान मन को बीमार बनाते गये
यूवा ही है किसी भी देश की शक्ति
देश की शक्ति धुनों की भेंट चढ़ गयी —
मिठाइयां सभी को कितनी है भाती
हर त्यौहार उससे सजकर है आती
किसने इसमें मिलावट की जहर डाली
त्यौहार के बाद अस्पताल सज जाती
सामूहिक बस्तुएं भी दुषित हो गयी
स्वदेशी ताकत पर असर कर गयी —
कर रहा दुश्मन इकट्ठा हमारी कमजोरी
हमारी साफ चीजों में मिलावट है डाली
आओ सब पहचाने अपनी कमजोरियां
जागरुकता फैलायें बनाकर के टोलियां
मेहनत किसी की नित सुधार कर गयी
देश को अग्रिम पंक्ति में शुमार कर गयी —
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
बहुत सुंदर सृजन
कविता प्रेमियों को धन्यवाद।
सुंदर अभिव्यक्ति