ग़ज़ल
भर लो आगोश में,
आओ कि सहारा दे दो,
इश्क है कि नहीं
थोड़ा सा इशारा दे दो।
1.हम भरम में रहे कि इश्क है तुमको हमसे
करो न याद सितमगर
तो भुलावा दे दो।
2. आरजू है तेरी दिल को जख्म सीने में,
हादसा है बड़ा गहरा कि सहारा दे दो।
3. खलिश है सीने में जहर है मीठा सा,
छीना है चैन मेरा तुमने
उसे वापिस दे दो।
4. न मिले तुम तो हम बस लाश ही रह जाएँगे,
ओ सितमगर मेरी मय्यत को सहारा दे दो।
5. कौन कहता है कि फिरता है कोई दीवाना
शमा जलती रही
बुझने का इशारा दे दो।
Bahut Khoobsurat Ghazal