Gunahgar
बनते हैं ऐसे गुनाहगार,
नशे की लत ने ले ली जिंदगी,
उसके भाई और पिता की,
फिर वह जैसे तैसे पला फुटपाथ पर,
फिर उसे भी लगी आदत नशे की,
करने के लिए नशा वो लगा करने
छीना झपटी, उसे क्या पता था,
जिसकी वह छीन रहा है पर्श
है वह प्रधानमंत्री की भतीजी,
जमीन खिसक गए उसके पांव तले,
मुंह से निकला, बुरे फंसे भाई,
नानी याद आ गई उसकी |
Good