भोजपुरी कजरी लोक गीत

July 9, 2022 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी कजरी लोक गीत -दूर कईला सजना |

अँखिया से बहे हमरे लोरवा |
नजरवा से दूर भइला सजना |
रतिया जोहत होला हमरो भोरवा |
नजरवा से दूर भइला सजना|

गोरी बहिया में खनकेला कंगना |
पिया बिना सुन भईले अंगना |
बदरवा घिर अइले असमनवा |
नजरवा से दूर भइला सजना|

कड़ – कड़ कड़के जब बिजुरिया |
देहिया सिहर जाले मोर सेजरिया |
झम – झम बरसेला सवनवा |
नजरवा से दूर भइला सजना|

अमवा के डलिया सखी झुलवा झुलावे |
झूली – झूली झुलवा कजरी सब गावे |
अचरवा उडी जाए केवने ओरवा |
नजरवा से दूर भइला सजना|

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
बोकारो झारखंड

गीत – मेरे होने लगे |

September 5, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

गीत – मेरे होने लगे |
आपके होकर खुद खोने लगे |
धीरे -धीरे आप मेरे होने लगे |

हर घड़ी ख्याल आपका है आता |
नजरों में कोई अब नहीं है भाता |
आप ही के धुन हम गाने लगे |
धीरे -धीरे आप मेरे होने लगे |

रहो हरदम नजर के सामने मेरे |
बिना तेरे लगु दिल थामने मेरे |
मिलने से करने आप बहाने लगे |
धीरे -धीरे आप मेरे होने लगे |

सामने आना और छुप जाना तेरा |
सुनके भी चुप हो जाना तेरा |
बार बार आपको हम मनाने लगे |
धीरे -धीरे आप मेरे होने लगे |

होने लगा तुझपे भी अब असर मेरा |
दिल आपके होने लगा अब बसर मेरा |
आपके इश्क में हम सोने जागने लगे |
धीरे -धीरे आप मेरे होने लगे |

आप खुश रहो मेरी हर चाहत यही |
बिना देखे आपको मुझे राहत नहीं |
तनहाई में आंखे हम भिंगोने लगे |
धीरे -धीरे आप मेरे होने लगे |

सुनूँ मैं धड़कने तेरी आ लग जा गले |
तेरी साँसो की गर्मी बदन खुशबु चले |
आंखो की दरिया तेरी हम डूब जाने लगे |
धीरे -धीरे आप मेरे होने लगे |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
गीतकार /कवि /लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड -मोब . 9955509286

गीत – तुझसा नहीं कोई |

September 4, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

गीत – तुझसा नहीं कोई |

तू ही है सबसे प्यारा |
तुझसा नहीं कोई यारा |

रूप से तेरे चाँद है रोसन |
महकता है तुझसे गुलशन |
तुही है मेरा दिलदारा |
तुझसा नहीं कोई यारा |

तेरा प्यार मेरी जिंदगी है |
मेरे दिल में तु ही बसी है |
तेरे बिना नहीं गुजारा |
तुझसा नहीं कोई यारा |

तुझसे है जगमग सितारे सभी |
देख तुझको बदले बहारे सभी |
मेरा यार मेरा गुलजारा |
तुझसा नहीं कोई यारा |

फिंजा में महकी खुशबू तेरी |
गुले गुलशन जान हंस तू मेरी |
मुझको बना आँचल सितारा |
तुझसा नहीं कोई यारा |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
गीतकार /कवि /लेखक /समाजसेवी

भोजपुरी कजरी गीत -सवनवा में ना अइबो ननदी

August 21, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी कजरी गीत -सवनवा में ना अइबो ननदी |

आई गइली बरखा बहार हो ,
सवनवा में ना अइबो ननदी |

सावन के फुहार तन में अगिया लगावेला |
सखी सब मिलीजुली झुलवा झुलावेला |
नाही अइले बलमा हमार हो |
सवनवा में ना अइबो ननदी |

सावन के रात हमके नागिन जईसन डंसेले |
भौजी के बात हमके तीर जईसन धंसेले |
आजा तानी बलमा हमार हो |
सवनवा में ना अइबो ननदी |

झूमी झूमी बदरा पनिया बरसावेला |
रही रही जियरा में दरदिया उठावेला |
भूली गइला बलमा हमार हो |
सवनवा में ना अइबो ननदी |

पवन के झ्ंकोरा मोरा अँचरा उड़ावेला |
सावन के महीना मोरा मन के लुभावेला |
कईसे लूटी सावन के बहार हो |
सवनवा में ना अइबो ननदी |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
गीतकार /कवि /लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड -मोब . 9955509286

कविता- धागा राखी का |

August 21, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

कविता- धागा राखी का |

धागा राखी का भाई बहन का है प्रेम बंधन |
तोड़ने से टूटे ना लगाए बहना टीका चन्दन |
बहना की दिया रक्षा का वादा निभाना भईया |
तुम ही हो मेरी लाज का सदा सहइया |
भाई की कलाई में बांधा धागा प्यार का |
रहेगा इंतजार हरदम भाई के दुलार का |
पड़े जब भी जरूरत तू मुझे याद करना |
दौड़ा चला आऊँगा याद रखना मेरी बहना |
तू खुश रहे सुखी तेरा घर संसार रहे |
रहो दुलारी हमारी जबतक ये संसार रहे |
आए न कोई दुख तुमको भाव यही हमारा है |
सजा रहे सिंगार तेरा दुआ यही हमारा है |
महके तू बनके सुमन सदा घर आँगन में |
चहको सदा मेरी बहना मेरे मन भावन में |
दूर रहके भी तू सदा मेरे पास रहे मन में |
कमी कभी कोई न हो भरा रहे घर धन में |
रक्षा बंधन का त्योहार आज है आया |
बांध दो धागा प्यार का तेरे पास है आया |
मुंह मीठा कर लो मिठाई से जीवन मिठास रहे |
रोग शोक ताप कभी न बहना तेरे पास रहे |
उतारूँ आरती तेरी भईया विजय सदा तू करना |
करूँ प्रार्थना साथ न छूटे भईया खुश सदा तू रहना |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
गीतकार /कवि /लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड -मोब . 9955509286

भोजपुरी कजरी गीत – काहे भूली गइला |

August 21, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी कजरी गीत – काहे भूली गइला |

तोहरे खातिर तड़पे हमरो परनवा |
काहे भूली गइला हमके सजनवा |

सावन के बहार रहे
बरखा के फुहार रहे |
बिरह में बरसे मोर नयनवा |
काहे भूली गइला हमके सजनवा |

मनवा उदास रहे ,
मिलन के प्यास रहे |
देखि देखि ताना मारे हमके जमनवा |
काहे भूली गइला हमके सजनवा |

केहु जाला पूरब पश्चिम ,
केहु मुलतानी |
हमरा के छोड़ी के पिया
कईला नादानी |
कहा चली गइला हमरो सजनवा |
काहे भूली गइला हमके सजनवा |

अँखिया से रही रही बहेला निरवा |
बितली उमरिया मोर गिनते दिनवा |
रहिया तकत मोर छछने परनवा |
काहे भूली गइला हमके सजनवा |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
गीतकार /कवि /लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड -मोब . 9955509286

गजल- मुजरिम ए मोहब्बत |

July 26, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

गजल- मुजरिम ए मोहब्बत |
बहर -आजाद ,रदीफ़ -करेंगे ,काफिया – आर

तू खुश रहे तुझसे प्यार न करेंगे |
आएगा नही तू तेरा इंतजार न करेंगे |
चाहे जितना ढा ले तू जुल्मों सितम |
वादा है मेरा तुझे कसूरवार न करेंगे |
जितनी भी तलब हो तेरी मुझे मगर |
दिल का कभी तुझे इजहार न करेंगे |
बगैर तारीफ मेरी क्या तू हसीन नही |
जुबां पे आए तारीफ इश्तहार न करेंगे |
तड़पा के देख ले तू जी भर के मुझे |
दर्द न हो तुझे कभी पलटवार न करेंगे |
इश्क मैंने किया सजा भी मिले मुझे |
दिल दुखे तेरा तुझसे तकरार न करेंगे |
तेरा आशिक हूँ सजा का हकदार भी |
दिल दे या दर्द उफ़ सरकार न करेंगे |
मुजरिम ए मोहब्बत हूँ तेरा सजा दे मुझे |
तू जन्नत ए हुशन नजर तलवार न कहेंगे |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
बोकारो ,झारखंड
मोब – 995509286

बरसा के बदरिया

July 26, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी गीत – बरसा के बदरिया |
बरसा के बदरिया मे पनिया पडेला राम |
ये मोर सजना तनी चलता बुनिया मे नहाए |
ये मोर सजना |
फुहार बरसा से देहिया भिंजेला राम |
ये मोर सजना तनी देता हमरो मनवा जुड़ाए |
ये मोर सजना |
पिरितिया के रितिया ना बुझे मोर सजना |
चूड़िया के खन खन बाजे मोर कंगना |
बदरा के गरज मोर मनवा डरेला राम |
ये मोर सजना तनी लेता हमके हियवा लगाए |
ये मोर सजना |
बरसा के पनिया जुडावे धरती के पियसिया |
जुडाई देता पिया हमरो पियासल पिरीतिया |
बिरह मे तोहरे नैना बहेला राम |
ये मोर सजना तनी करता हमसे नेहीया लगाय |
ये मोर सजना |
पत्थर के करेज तोहरों हवे मोर बलमा |
प्यार वाली बतिया ना करे मोर बलमा |
धक धक जिया मोर करेला राम |
ये मोर सजना तनी देता झूला बहिया झुलाय |
ये मोर सजना |
बरसा के बदरिया मे पनिया पडेला राम |
ये मोर सजना तनी चलता बुनिया मे नहाए |
ये मोर सजना |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
बोकारो झारखंड -9955509286

भोजपुरी गीत – पिया टिकवा लगवा ला।

June 19, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी गीत – पिया टिकवा लगवा ला।

भागी भागी हो कोरोनवा ,
पिया टिकवा लगवा ला।
तोहसे लागल हो मोर मनवा ,
पिया गरवा लगा ला ।
रखा सबसे दूरी बाकी हमसे ना रखीहा।
रहा अंखियां के सोझा मसकिया लगईहा ।
हाली होई हो गुलजार जमनवा ।
पिया टिकवा लगवा ला।
चढले असढ़वा बदरवा घिर अईले |
धनवा रोपाई कइसे बियवा बढ़ी अइले |
चला रोपी हो दुनु जाना धनवा |
पिया टीकवा लगवा ला |
कहे मोदी जी भगाइके कोरोनवा हम मानब |
तोडब चिनवा के गुमान छाती मूंग हम दरब |
चाहे होइ हो केतनों घमशनवा |
पिया टीकवा लगवा ला |
भीतरा कोरोना के तूफान सिमवा पापी पाकिस्तान |
लोगवा भईले हलकान तबों ना डरी हिंदुस्तान |
लागी लागी हो नथिया बेईमनवा |
पिया टिकवा लगवा ला।
|भागी भागी हो कोरोनवा ,
पिया टिकवा लगवा ला।

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -9955509286

गीत – इश्क ए शैलाब |

June 10, 2021 in ग़ज़ल

गीत – इश्क ए शैलाब |
उफनते हुश्न ए शैलाब मुझे बहा न देना तुम |
शराबी नजरों शबाब ए जाम डूबा न देना तुम |
मै मरीज ए इश्क तेरा मर्ज ताजा ही रहेने दो |
जलती आग मोहब्बत की बुझा न देना तुम |
देखा नही हुश्न तुझसा सर से पाँव लबालब |
बिठा रखा सिर आंखो मुझे गिरा न देना तुम |
लिखा दिल पे नाम तेरा खून की रोशनाई से |
रौंदकर पैरो तले तेरा नाम मिटा न देना तुम |
इधर उधर जिधर नजर मगर कहा नही है तू |
चाहा टूटके तुझे तोड़के दिल भुला न देना तुम |
याद क्या करना तुझे भूलने की फुर्सत तो मिले |
गुजरे बगैर तेरे जिंदगी दिन दिखा न देना तुम |
चाँद तारे न मांगो झुका दूँ फलक कदमो तेरे |
मै ही तेरी जिंदगी गैर मांग सजा न लेना तुम |
नजर उठे सहर झुके तो शबब शाम हो जाये |
लहरा जुलफ़े बन घटा वर्षा भिंगा न देना तुम |
हाल दिल न पुछो मांग लो जान हँसके दे दु |
देख दिवानापन भारती अब मजा न लेना तुम |
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -9955509286

भोजपुरी पर्यावरण गीत – पेड़वा बिना |

June 5, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी पर्यावरण गीत – पेड़वा बिना |
जइसे तड़पेले जल बिना मछरी ना हो |
तड़पे छतिया धरती पेड़वा बिना |
गावे ना गोरिया सावन बिना कजरी ना हो |
सतावे बरखा रतिया गोरी सजना बिना |
महल अटारी मिलवा बनवले वनवा उजारी |
पेड़वा के काटी काटी धरती दिलवा दुखाई |
बरसेला बदरा कबों दुनिया ना हो पेड़वा बिना |
बाची कईसे धरती पेड़वा ना लउके कही |
जीव जन्तु पशु पक्षी बचावे जान भऊके कही |
बची ना धरती अब आदमी के जतिया ना हो
पेड़वा बिना |
चीरइ क चह चह कोइलर कुहु ना सुनाला कही |
झरना क झर झर पवनवा सर सर ना दिखाला कही |
जिये खातिर मिले नाही हवा नकिया ना हो ,
पेड़वा बिना |
चाही हरियाली यदी धरती पेड़वा लगावा सभे |
जल जंगल जमीन मिली परती बचावा सभे |
मिलीहें ठंडी ठंडी पवन पुरवईया ना हो ,
पेड़वा बिना |
जइसे तड़पेले जल बिना मछरी ना हो |
तड़पे छतिया धरती पेड़वा बिना |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -9955509286

भोजपुरी देवी गीत – तोहरी दुयरिया मे |

May 26, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी देवी गीत – तोहरी दुयरिया मे |
भगता आइल बा तोहरी दुयरिया मे |
निक लागे माई मोर मंदिरिया मे |
अजबे मईया सिंगार,तोहके मानेला संसार |
तनी भरी लेतु हमके नजरिया मे |
भगता आइल बा तोहरी दुयरिया मे |
केतना सुनाई रोई दुखवा ,कब देबू माई सुखवा|
सभे नाचत बा भक्ति लहरिया मे |
भगता आइल बा तोहरी दुयरिया मे |
फइलल बा सगरो कोरोनवा,आफत मे पड़ल परनवा |
करफू लागल बा सगरो नगरिया मे |
भगता आइल बा तोहरी दुयरिया मे |
तोहके छोड़ी कहा हम जाई ,गोदी के ललन बन जाई |
फुलवा चढ़ाई माई भरी अंजुरिया मे |
भगता आइल बा तोहरी दुयरिया मे |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -9955509286

भोजपुरी देवी पचरा गीत- सोनवा असनवा देई के |

May 18, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी देवी पचरा गीत- सोनवा असनवा देई के |

काली मइया के बोलईबे सोनवा असनवा देइके |
मोर महारानी के सुनइबे गीतवा डासन गाइके|
केवन सवारी चढ़ी अईहे मोर मईया ,
केवन रुपवा है काली |
सिंह सवारी चढ़ी अईहे मोर मईया,
सांवर रूपवा है बुझाली |
काली मइया के बोलईबे सोनवा असनवा देइके |
केवन देशवा फइलल कोरोनवा ,
सबके बड़ा सतावे |
केवन देशवा मरी गए लोगवा ,
हो गइले घरवा खाली |
काली मइया के बोलईबे सोनवा असनवा देइके |
भारत देशवा मरी गए लोगवा ,
केहु कुछ समझ ना पावे |
आके देवी भगावा रोगवा ,
सब जनवा बचावे के सवाली |
काली मइया के बोलईबे सोनवा असनवा देइके |
तोहरे बिना हे काली मइया ,
केहु ना दुखवा मिटाई |
रक्षा कारा हे मात भवानी ,
कोरोनवा बड़ा है दुखदाई |
तोहके चढ़इबे फूल अड़हुलवा ,
किरीपा करा हे खप्परवाली|
काली मइया के बोलईबे सोनवा असनवा देइके |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -9955509286

भोजपुरी पूर्वी लोक गीत-आइल बिपतिया |

May 13, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी पूर्वी लोक गीत-आइल बिपतिया |
आइल बिपतिया भइल पागल जईसन मतिया |
नींदिया आवे ना सारी रतिया ,
उपईया कूछ करा मोदी जी |
बहरे ना जाये पाई मन पगलाता |
घरवे मे रही रही कपरा दुखाता |
करत बा कोरोनवा बड़ा ससतिया |
उपईया कूछ करा मोदी जी |
टिकवा लगवली मसकिया पहनली |
जाई जब बजरिया घुंघटा लगवली |
हटावा लोक डाउन माना मोर बतिया |
उपईया कूछ करा मोदी जी |
सगरो सिंगार मोर बेकार होखत बा |
करी का सिंगार पीयवा ना देखत बा |
भगइबा जब कोरोनवा जुड़ाई मोर छतिया |
उपईया कूछ करा मोदी जी |
टीवी सिरीयल देखि मन अनकुसात बा |
पागल खाना जेल खाना घरवा बुझात बा |
माटी लागो इनकर कोरोनवा के जतिया |
उपईया कूछ करा मोदी जी |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -9955509286

भोजपुरी गजल – इश्क के दिया |

May 10, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी गजल – इश्क के दिया |
दिल मे उठत ना दरद हमके तू आपन कहले रहतू |
तरप दिल हाथ थमले ना रहती तू आपन मनले रहतू |
उठाईके नजर मगर हमरा देखलु ना कबों दिल टुटल |
भटकत ना ई दिल तोहरा खातिर अँचरा जे बंधले रहतू |
बिना तोहरे निक लागेना केहु मन पागल अब तोहसे |
शरमा जइति अफ़सरा नैना काजर तू जे लगवले रहतू |
आ जईबु जहिया बंजर दिल के परति जमीन प तू |
पतझड़ बेजान बाग मे मोहब्बत के फूल खिलवले रहतू |
सगरो मचल तबाही ई कइसन समय आ गईल बा |
धरत ना केहु कोरोना मुंह मास्क लगावे बतवले रहतू |
रही ना हरदम ई आफत समय के साथ इहों चली जाई |
बचल रहती हर नजर से दिल आपन तू बसवले रहतू |
कटी ना ई जिनगी बिना तोहरे आजा तोहसे निहोरा बा |
अंजोर होत अन्हार असियां इश्क दिया तू जरवले रहतू |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -9955509286

भोजपुरी लोक गीत – माती जा तू नोकरीय

May 1, 2021 in English Poetry

भोजपुरी लोक गीत – मती जा तू नोकरिया |
नायिका – लगइबा ना मसकिया ये सइया जी |
भुलईहा ना पिरितीया ये सइया जी |
सगरो कोरोनवा फइलल हो |
पिया मती जा तू नोकरीया हो ना |
नायक – रासन पानी आई कईसे |
लइका पलाई कइसे |
ये रानी तोरी भोरी सुरतिया ,
जाये दा ना बिदेशवा हो ना |
नायिका -जइबा जे बिदेशवा बीमार होई जइबा |
धई लेई कोरोनवा बेकार होई जइबा |
राजा जनी जा बिदेशवा हो ना |
नायक – बहरवा कोरोनवा धरी ,
घरवा भूखिया से मरी |
बोला कईसे रही घरवा हम मरदनवा |
गोरी जाये दा बिदेशवा हो ना |
नायिका-पिया घरवे मे रहा हमरे नजरवे मे रहा |
खेतवा मे हरवा चलावा बजरवा उगावा |
पिया मती जा तू नोकरिया हो ना |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -995550986

कविता- मजदूर बिन विकाश नहीं |

May 1, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

01 मई को मजदूर दिवस की हार्दिक बधाई |

कविता- मजदूर बिन विकाश नहीं |
मजदूर बिन विकाश नहीं दिया बिन प्रकाश नहीं |
खेलकर जान भविष्य राष्ट्र गढ़ते पर अवकाश नहीं |
रहते है झोपड़ी मे पर महल वो बनाते है |
खुद की राह पता नहीं सड़क वो दौड़ाते है |
शुबह को खाया रात को भूखा सोना लाचारी है |
जिन खेतो लहलहाते फसल अनाज दुश्वारी है |
जिन इंटो सना खून पसीना उनपर उनका राज नही |
मजदूर न होते चक्का चलता कैसे कारखानो का |
गाड़ी मोटर भट्ठा क्या होता मालिको के अरमानो का |
धूप गर्मी बरसात वो कुछ कभी जानते नही |
आराम हराम है चोरी बेईमानी वो मानते नही |
गढ़ने वाले भविष्य भारत उन हाथो सलाम करते है |
देश का गौरव व विकाश मजदूरो के नाम करते है |
रचा जिसने गगनचुंभी इमारत नसीब खुला आकाश वही |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -995550986

गीत – तेरे इश्क की ताकत |

April 28, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

गीत – तेरे इश्क की ताकत |
बिगड़े है ऐसे हालात तुमसे प्यार करूँ कैसे |
हर वक्त मौत की बारात इजहार करूँ कैसे |
किसी को तलास है बहुत इन्सानो की यहाँ |
कब वो मुझे ढूंढ ले तेरा इंतजार करूँ कैसे |
हर कोई बेबस और लाचार नजर आता है |
साँसो के लाले पड़े दिल निसार करूँ कैसे |
डर कर जीने से बेहतर एक बार मर जाये |
हौसला कायम मै लड़ने से इंकार करूँ कैसे|
बुलाया तुमने मिलने की आरजु है मुझसे |
मिल तो लूँ कोरोना मै नागवार करूँ कैसे |
देख के मौत का मातम इश्क भी रोता है |
लासो के ढेर पे मै गीत झंकार करूँ कैसे |
खुदे से ज्यादा डरा हूँ मै तेरे तू आबाद रहे |
तेरे इश्क की ताकत न आरपार करूँ कैसे |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -995550986

भोजपुरी देवी पचरा गीत – काली माई हो |

April 20, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी देवी पचरा गीत – काली माई हो |
काली माई हो भगाई देतु कोरोनवा |
भस्म करा खोली आपन तीसरा नयनवा |
काली माई हो भगाई देतु कोरोनवा |
जब से ये आइल मुहाल आराम होई गईले |
सांसत मे सभकर अब जान होई गईले |
कुटी कुटी काटा इनकर धरी गरदनवा |
काली माई हो भगाई देतु कोरोनवा |
घरवा ना चैन कही बहरवा डर लागेला |
जेने देखा वोने लोगवा जान लेके भागेला |
अबकी नवरातन मे देतु इहे वरदनवा |
काली माई हो भगाई देतु कोरोनवा |
अम्बा जगदंबा माई भवानी तू कहालु |
नर नारी देवलोक सबसे तू पुजालू |
जय जयकार होला तोर जमीन असमनवा |
काली माई हो भगाई देतु कोरोनवा |
बध कइलू माई जईसे चंड मुंड दानव|
कृपा करा देशवा संकट हरा अब मानव |
चरण मे गिरि भारती करे तोर नमनवा |
काली माई हो भगाई देतु कोरोनवा |
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -995550986

भोजपुरी चइता गीत- हरी हरी बलिया

March 31, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी चईता – हरी हरी बलिया |
हरी हरी डलिया मे भरी भरी फलिया ये रामा ,
खेतवा मे डोले ले गेंहुया के बलिया ये रामा
खेतवा मे |
चढले चइत के जबसे मस्त महीनवा ये रामा ,
बहकेला गोरिया के मातल मनवा ये रामा ,
खेतवा मे |
सरसो पियरा गइली मटर गदरइली ये रामा ,
महुआ मे मदन रस अमवा मोजरईले ये रामा ,
खेतवा मे |
कुहुके कोइलरिया बहे पूर्वी बयरिया ये रामा ,
उड़े गोरी के चुनरिया पिया डहके गुजरिया ये रामा ,
खेतवा मे |
फुलवा फुलाई भवरा लोभाई,सजनी सजना रिझावे ये रामा ,
गोरी लेवे अंगड़ाई चइत पिया पिरितिया बढ़ावे ये रामा ,
खेतवा मे |
हरी हरी डलिया मे भरी भरी फलिया ये रामा ,
खेतवा मे डोले ले गेंहुया के बलिया ये रामा
खेतवा मे |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -995550986

भोजपुरी गजल – पागल के बीमारी बा

March 24, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी गजल- पागल के बीमारी बा |

केहु से प्यार ना मतलब क सब यारी बा |
रिश्ता नाता ला पता पईसा सभपर भारी बा |
भाई भाई से मीठ ना बोले मुंह फेर चलेले |
एक ही घर अलग चूल्हा अलग दुयारी बा |
इश्क विश्क सब फइसन चार गो फ्रेंड चाही |
हीर भईली बहिर रांझा पागल के बीमारी बा |
बेरोजगारी खातिर निकले बहाली राजनित मे |
अनपढ़ गवार जीत जाला चढ़े के सफारी बा |
प्यार मे बनेके बा पागल त बन जा मर्जी |
उनका दुसर मुल्ला खोजे के अब तैयारी बा |
आइल बा कोरोना बची के रहे के दूर दूर |
चुनाव से डेराला उ भाषण सुने मारामारी बा |
वेकसिन लगावा बाकी फोटो चाही पेपर मे |
केहु के जान जाता केहु के दूकानदारी बा |
जबसे फइलल कोरोना केहु रोजी रोटी गईल |
प्राइवेट नौकरी के पूछे छुटल सब सरकारी बा |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब -995550986

भौपरी पूर्वी होली गीत – कान्हा मारे पिचकरिया

March 22, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी पूर्वी होली गीत- कान्हा मारे पिचकरिया |
कान्हा मारे पिचकरिया ये सखिया
बदनवा भिंजेला मोर
कन्हईया जी खेले ले होरिया
चुनरिया रंगी देले मोर |
आवा आवा सब सखिया
सुना सब बतिया मोर
घेरी कान्हा मारा पिचकरिया
करेले बलजोरी बड़ी ज़ोर
कन्हईया जी खेले ले होरिया
कान्हा आइहे जब ब्रिन्दा हो बनवा
करिहा जनी सखीया कोई शोर |
धई के भिंजईहा यमुना के पनिया |
कन्हईया जी खेले ले होरिया |
सुना सुना सब ग्वाल हो गोपिया
होई अबकी होली हो ज़ोर
मली के लगाईहा गुलाल कन्हईया
उनकर चले न कोई ज़ोर
कन्हईया जी खेले ले होरिया
चुनरिया रंगी देले मोर |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

गजल- इस पर या उस पार

March 21, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

गजल – इस पार या उस पार |
जो चाहो वो मिल जाये ऐसा होता नहीं |
हार कर भी कोई लड़ता मगर रोता नहीं |
मिल जाती मंजिल यूं ही पा लेते सभी |
रखता यकीन हाथो मौका कोई खोता नहीं |
लगाना इल्जाम आसान होता गैरो पर |
झांक लेता खुद मे परेशान होता नहीं |
गिर गए खा कर ठोकर तो फिर उठो |
पाकर लेता दम कोई मगर सोता नहीं |
आये आंधियाँ तूफान जितनी आने दो |
तुमसे बड़ा नहीं कोई मगर छोटा नहीं |
फैसला इस पार या उस पार होने दो |
हो हौसला बुलंद परेसां कोई होता नहीं |
डूबोगे या उबरोगे रखो यकीन कूद जाओ |
दम जिसके बाजुओ दरिया डूबोता नही |
आने दो डर को थोड़ा करीब आने दो |
गुजर जाता वक्त रंग अपने भिंगोता नहीं |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

भोजपुरी देश भक्ति होली गीत – पिया तू फगुनवा मे

March 18, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी देशभक्ति होली गीत – पिया तू फगुनवा मे |
काहे नाही आईला पिया तू फगुनवा मे |
मनवा लागे नाही ना पिया मोर फगुनवा मे |

तू त हउआ फौजी सिमवा ललकारेला |
देश दुशमनवा के चुनी चुनी मारेला |
पिया केकरा संगवा ना खेलब होली अंगनवा मे |
मनवा लागे नाही ना पिया मोर फगुनवा मे |

सुनी के दहाड़ तोहार बैरी सियार जस कापेंले |
पार नाही पावे तोहसे आपन जान लेके भांगेले |
हमके गुमान तोहरो रहे डर दुशमनवा मे |
मनवा लागे नाही ना पिया मोर फगुनवा मे |

जब होरी खेले देशवा अबीर औरी रंगवा से |
होरी खेले पिया सिमवा बैरी खुनवा से |
ठाढ़ रइहा सिमवा लगईहा दगीया ना तिरंगवा मे |
मनवा लागे नाही ना पिया मोर फगुनवा मे |

बजर पड़ो अगिया लागो आतंकी घुसपैठीयन के |
होलिया खेलिहा खुनवा बैरी चीन नसपिटिया से
रही रही ज़ोर मारे ना खुनवा बदनवा मे |
मनवा लागे नाही ना पिया मोर फगुनवा मे |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

कविता- तेरी महिमा न्यारी

March 10, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

महिला दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए |

कविता- तेरी महिमा न्यारी

हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
प्यार द्या दान धर्म की है मूरति तू प्यारी |
एक है तू तेरे रूप अनेक खेले गोद त्रिदेव महेश |
नर्मदा सीता सावित्री अनुसुईया दे तू हमे आशीष |
जननी भार्या बहन प्रेयसी तुझपे जग बलिहारी |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
करुणा कृपालु दयालु करती प्रेम की है वर्षा तुम |
मोह माया ममता समता क्षमा दया देती हर्षा तुम |
तू जग से या तुझसे जग सारी सुधि ले लो हमारी|
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
धरती नदिया दरिया प्रकृति की प्रतिमूर्ति तुम हो |
साँझ शुबह रात चांदनी पुरुष सहयात्री तुम हो |
भूख पुत्र मिटे हर कस्ट कटे जाग रात है गुजारी |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
पतित पावनी गंगा यमुना गोदावरी शीतल जल हो |
भूत भविष्य वर्तमान घटित हर घटना का पल हो |
ईश्वर प्रदत्त धरती तुम अनमोल रत्न हस्ती तुम्हारी |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
जिसने जितना जाना उसने तुमको कुछ न जाना |
तुमको क्या खोना या क्या खोकर सब कुछ पाना |
जो मिला संतोष किया न मिला न अफसोस न लाचारी |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
बहाये प्यार का दरिया मिले तुझे सम्मान तू करुणामयी |
घात आघात धोखा फरेब नफरत बदला देती क्षमा दयामयी |
बन लक्ष्मी धन धान्य भरे ज्ञान की देवी दुस्टों की काली |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
गर तू नही कुछ भी नहीं बिन तेरे जग है सुना सुना |
फले फुले सृस्टी चहक महक रहे प्रभु ने तुझको चुना |
और न महिमा नारी लिख पाने की भारती की लाचारी |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

भोजपुरी गीत – बड़ा प्यार आवेला |

February 26, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी गीत – बड़ा प्यार आवेला |
हमके त यार याद तू हर बार आवेला |
काहे हमके त तोहरे पर बड़ा प्यार आवेला |
मिलना होई की ना हमके कुछउ ना पता |
हमार जान हऊ मत करिहा तू हमसे खता |
प्यार बा तोहरे दिल मे इ बस सवाल आवेला |
हमके त यार याद तू हर बार आवेला |
उजड़ल दिल के कब सजईबु बतावा हमके |
बन के फूल कब महकइबु सुनावा हमके |
तोहरा अईले से उजड़ल बाग मे बहार आवेला |
हमके त यार याद तू हर बार आवेला |
हंसेलु त जईसे मुहवा तोहरे मोती झरी जाला |
देखी मुस्कान दिलवा हमरे बिजुरी गिरि जाला |
आवा बहार बनके सुनी जिनगी ई विचार आवेला |
हमके त यार याद तू हर बार आवेला |
मुहवा तोहार टुकड़ा चान जस लगेला अंजोर |
उठेला पलक आँख तोहार सांझ लगेला भोर |
सिवा तोहरे ना केवनों अब दिलदार भावेला |
हमके त यार याद तू हर बार आवेला |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

भोजपुरी पारंपरिक होली गीत – ये किसन कन्हईया |

February 22, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी पारंपरिक होली गीत – ये किसन कन्हईया |
होली मे करेला काहे बलजोरिया
ये किसन कन्हईया |
चुनरिया रंग देला मारी पिचकरिया
ये किसन कन्हईया |
केतनो लुकाई जहवा भाग जाई |
खोजी हरदम हमके रंगवा लगाई |
मनबा ना त कहब यशोदा मईया |
ये किसन कन्हइया |
जब हम जाई यमुना किनरवा |
लुकाई भिंगाई देला मोर अंचरवा |
छोड़ेना ना हमके केवनों ठहियां |
ये किसन कन्हइया |
गोरे गाल रंग देला कइसन ढंग बा |
छूटे नाही कबों श्याम अइसन रंग बा |
मुसकाई मरोड़ देला कोमल कलईया |
ये किसन कन्हइया |
मीठी फुसलाई बुलावेला ठीक नईखे आदत |
फोड़ी मटकी भिंगावेला बिना हमरे इजाजत |
बिना रंगवा रंगईली राधा श्याम रंग देहिया |
ये किसन कन्हइया |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

भोजपूरी पारंपरिक होली गीत – गोकुला के दुआर |

February 19, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपूरी पारंपरिक होली गीत – गोकुला के दुआर |
कान्हा आवा हाली हो गोकुला के दुआर |
करा ना साजन तू हमके इनकार |
कान्हा आवा हाली हो गोकुला के दुआर |
बितले जड़वा आइल बहार बसंती |
निरखे रूपवा तोहार हम तरसी |
बहे लागल हो देखा फगुआ बयार |
कान्हा आवा हाली हो गोकुला के दुआर |
हाथ जोरी कान्हा कहे तोहसे राधा |
होरी खेलब तोहसे नाही होई बाधा |
श्याम करा तनी हो अब हमरो विचार |
कान्हा आवा हाली हो गोकुला के दुआर |
रंगवा लगाइब तोहे अबिर हम लगाइब |
भरी पिचकरिया छलिया तोहे हम रंगाईब |
तनि खेलिहा हमसे हो फगुआ के फुहार |
कान्हा आवा हाली हो गोकुला के दुआर |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

भोजपुरी सरस्वती वंदना – विनवा के तार |

February 16, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी सरस्वती वंदना – विनवा के तार |
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार |
हंस चढ़ी चली आवा माई हाली हमरे द्वार |

अज्ञानी अनाड़ी तोहके हम हरदम पुकारेली |
सुनर गोर रूपवा माई हम एकटक निहारेली |
बल बुद्धि देतु माई करा हमरो उद्धार |
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार |

दुनिया मे केहु नईखे बिना तोहरे मोर सहारा |
डलतू नजरिया हमरो मिल जात अब किनारा |
तोहरों चरनिया पूजे माने सारा संसार |
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार |

रूपवा तोहार देवी खूब चम चम चमकेला |
मनवा हमार बिना तोहरे डह डह डहकेला |
बिदद्या के देवी शारदा भर दा झोलिया हमार |
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार |

अँखिया के लोर मोर टप टप टपकत बा |
ज्ञान बिना भारती अब गली गली भटकत बा |
किरीपा करा भवानी होखे मोर लेखनी सुधार |
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

गीत – जान ए जिगर |

February 11, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

गीत – जान ए जिगर |
तेरी नजर का करम मुझपर अगर हो जाये |
मिल जाये साथ तेरा आसान सफर हो जाये |
लहराकर तेरी जुलफ़े हवाओ जब बलखाती है|
सच कहूँ बिन मौसम सावन असर हो जाये |
तेरे नजरो का तीर दिल पर जब लगते है |
मेरे सनम अब मेरी जान पर कहर हो जाए |
देख तेरे होठो की मुस्कान घायल हम हुये |
तुम नगमो के गीत हर लब्ज बहर हो जाये |
तेरी कातिल अदाए गिराती दिल पर बीजलियाँ |
चलो न चाल मचल जख्मी शहर हो जाये |
आया है झूम के हुशनों शबाब तुझपर बहुत |
दीवाना कही तेरा हर गाँव न नगर हो जाये |
मल्लिकाए हुश्न कहूँ या अफ़सराए जन्नत तुझे |
हो जाऊं जान निसार गर मुझपर नजर हो जाये |
गोरा रंग कातिल काला तिल भी तेरा कातिल |
झूम आओ बांहों तू मेरी जाने जिगर हो जाये |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

भोजपुरी गजल- प्यार के भिक्षा |

February 4, 2021 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी गजल- प्यार के भिक्षा |
चलावा न तीर नजर गदर दिल पर मची जाई |
दम केकरा मे तोहरे नजर के असर बची जाई |
क़तल करे के छुरी भा तलवार का जरूरत बा|
फेरि दा नजर पल भर मे जान केहु छूटी जाई |
देखि के रूप सुनर हर केहु प्यार कइल चाहे |
डाल देबू नजर जेकरा उ दुनु हाथ लूटी जाई |
चाहे करा तू गुरूर जेतना दिल दे दा हमरा के |
करबू जे इंकार जान तड़प दिल केहु टूटी जाई |
आइल जवानी निखार बहार सगरो अइबे करी |
चला देबू बान मुस्कान परान केहु छूटी जाई |
बनी भिखारी कहे भारती प्यार के भिक्षा दे दा |
तोहरे बिना जान अरमान तन्हा ना बीत जाई |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

हिन्दी गीत- तुम झूठी या मै झूठी

January 22, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

हिन्दी गीत- तुम झूठी या मै झूठी
चलो दोनों बात आज सच कहते है |
तुम झूठी या मै झूठा
चलो दोनों बात आज तय करते है |
मुझको आता नही है चैन तुझको देखे बिना |
क्यो कर लिया है प्यार तूने मुझको परखे बिना |
एक दूजे के दिल क्यो हम रहते है |
चलो दोनों बात आज सच कहते है |
तुम झूठी या मै झूठा
चलो दोनों बात आज तय करते है |
जब आती है याद मेरी तुम क्यो तड़प जाते हो |
हो के बेचैन मेरी बांहों मे क्यो मचल जाते हो |
क्यो दोनों सदा संग रहते है |
चलो दोनों बात आज सच कहते है |
तुम झूठी या मै झूठा
चलो दोनों बात आज तय करते है |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

गज़ल – प्यार की महक |

January 20, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

गज़ल – प्यार की महक |
तुम्हारे प्यार की महक अभी बाकी है |
दूरिया ही सही तेरी याद अभी बाकी है |
रहे जहा बनके चाँद तू चमकता रहेगा |
तू पास रहे न रहे धमक तेरी बाकी है |
जिंदगी रेत सही बना लो घरौंदा मुझे |
मै जुगनू ही सही चमक अभी बाकी है |
याद करोगे जब भी पास मुझे पाओगे |
मचल कर आओ चाहत अभी बाकी है |
बिरान जिंदगी तेरी गुलशन बना दूंगा |
जहां हो चर्चा तेरा ललक अभी बाकी है |
तेरे सिवा नजरों मेरे कोई टिकता नहीं |
तेरी दीवानगी की सनक अभी बाकी है |
कहकर बेवफा गुनाहगार न बना मुझे |
साथ जीने मरने की बहक अभी बाकी है |
कर के इतनी मोहब्बत पागल न बन तू |
परवाना हूँ जल जाने दहक अभी बाकी है |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

कविता -मकर संक्रांति चलो मनाए |

January 14, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

कविता -मकर संक्रांति चलो मनाए |
मकर संक्रांति आई पतंग चलो उड़ाए |
उड़े ऊंचाई जैसे सोच पेंच चलो लड़ाये |
डोर पतंग की थाम खूब तुम रखना |
कट न जाये उम्मीदे डोर चलो बचाए |
उड़ने दो अरमानो को उंची पतंग जैसे |
गिर ना जाये जमीन जमीर चलो बचाए |
सर्दियों का मौसम ठंड है बहुत यहा |
काँपते गरीब को कंबल चलो ओढ़ाए |
दही चूड़ा तिलकुट है मजा खूब लेना |
वहा भूखे प्यासों की भूख चलो मिटाये |
अहले शुबह गंगा स्नान तुम कर लेना |
धोकर बुराई अपने पाप चलो मिटाये |
खत्म हुआ खरमास शुभ कर्म अब होगा |
है सुंदर पर्व गले अछूतो चलो लगाये |
लगा मेला संग बच्चो खुशिया मना लो |
रोते हुये बच्चे बाहो झूला चलो झुलाए |
माता -पिता बड़े बुजुर्गो भूलना नहीं |
छूकर पाँव मकर संक्रांति चलो मनाए |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

गीत- क्या चाहते हो |

January 7, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

गीत- क्या चाहते हो |
दूर जो जाऊ पास बुलाते हो |
पास जो आउ नजरे चुराते हो |
सच बताओ तुम क्या चाहते हो |
मालूम है तुमको तुमसे प्यार है कितना |
सागर की गहराइयों से गहरा है उतना |
उतर आंखो दिल चले जाते हो |
सच बताओ तुम क्या चाहते हो |
मुझे देख तेरा यूं मुसकुराना है गजब |
पास आकर तेरा यूं गुंगुनाना है अजब |
नजरे मिला फिर नजरे चुराते हो |
सच बताओ तुम क्या चाहते हो |
बुलाऊँ तुम्हें तुम पास आते नही हो |
पास आकर तुम कुछ सुनाते नही हो |
मुझे देखकर क्यो तुम शर्माते हो |
सच बताओ तुम क्या चाहते हो |
बीते नहीं दो दिन मिलने तड़प जाना |
आए नही मिलने मुझपर भड़क जाना |
मिलने जो आउ छुप क्यो जाते हो |
सच बताओ तुम क्या चाहते हो |
कभी हंसना रोना क्या हाल बना रखा है |
क्या बताऊँ तूने जीना मुहाल कर रखा है |
ख्वाबो मे मुझसे झगड़ जाते हो |
सच बताओ तुम क्या चाहते हो |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

बिरह भक्ति गीत- मेरे श्याम सावरिया |

January 5, 2021 in हिन्दी-उर्दू कविता

बिरह भक्ति गीत- मेरे श्याम सावरिया |

चुराकर दिल मेरा मुझे दीवाना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |
सुनाकर मीठी बाते मुझे अपना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |

नैनो मे बसकर चल दिये कहा चुपके चुपके |
तेरे बिना राधा रोये सबसे छुप छुपके |
करके जुदा मुझे खुद से बेगाना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |

जब पास होते थे मीठी मुरली सुनाते थे |
आओ प्यारी राधा आओ मुझको बुलाते थे |
छोड़ गए छलिया मुझको अंजाना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |

रोती है कीतनी राधा सुनो निष्ठुर निर्मोही |
याद मे तेरी भटकूँ मै पगली खोई खोई |
प्यार मे अपने दुशमन जमाना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |

बहती है यमुना एक गोकुल तीरे तीरे |
दूजे बहे यमुना धार राधा नैन धीरे धीरे |
मै बावरी को मरने का बहाना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |
अब ना आओगे कान्हा राधा नहीं पाओगे |
मनमोहिनी मुरली श्याम किसको सुनाओगे |
प्यार मे तेरे तड़पूँ गोरी को खिलौना बना दिया |
सुनो मेरे श्याम सावरिया |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

कविता-स्वागत नए साल का |

December 31, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

कविता-स्वागत नए साल का |
बीत गया वर्ष दो हजार बीस स्वागत नए साल का |
गुजरा वो सब पर रहा भारी पुछो न अब हाल का |
जारी रहा कहर कोरोना फैलाता रहा खूब जहर |
मँडराता रहा मौत का साया सहमा रहा हर शहर |
दुआ करो आए नव वर्ष लाये सपना खुशहाल का |
लोग बेरोजगार हुये किसान मजदूर सब लाचार हुये |
पसरा सन्नाटा शहर अस्पताल मरीज भरमार हुये |
क्या बताए भुखमरी बेकारी व देश खस्ताहाल का |
लगा चक्का जाम हैरान जनता देश हाहाकार हुआ |
ट्रेन चले नहीं बस कार हिले नहीं बंद ब्यापार हुआ |
हाथो को काम नहीं भूखे मज़दूर के हाल बेहाल का |
नया साल आना नया सौगात नई आस संग लाना |
चेहरों मुस्कान चले रोजी दुकान आगाज संग लाना |
उन्नति प्रगति प्रकृति साज विकाश देश मालामाल का|

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

कतरा ए गजल

December 26, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

कतरा ए गजल

तू मेरी चाहत आहत मेरा दिल कर दिया |
कह सर्वोपरि राहत मेरा दिल कर दिया |

तेरे हुश्न का चर्चा अब सरेआम हो रहा |
मै तेरा आशिक अब बदनाम हो रहा |

गुलाबी गाल होंठ लाल नैन कजरारे है |
काली जुल्फ़े गाल काला तिल बेकरारे है |

तेरे नजर के वार दिल घायल हुआ जाता है |
होंठो मंद मुस्कान कोई पागल हुआ जाता है |

आ बैठ मेरे पास हवाओ तेरी जुल्फ़े लहरा दूँ |
फलक के चाँद तारे तेरी जुल्फ़े गजरा लगा दूँ |

तुझसे है कितनी मोहब्बत तुझे मै बताऊँ कैसे |
दिल मे तु ही तू है तुझे मै अब दिखाऊँ कैसे |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

गीत – वो मुस्कुरा रहे है |

December 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

गीत – वो मुस्कुरा रहे है |
दिल तोड़कर है मेरा नाजो अदा वो मुस्कुरा रहे है |
गिरा कर है घर मेरा अपना घर वो बसा रहे है |
बड़ा ही हसीन गुल था वो मेरे गुलिस्ताँ का |
उजाड़ कर है बाग मेरा गैरो वो महका रहे है |
खाया जख्म ऐसा फिर हम संभल न पाये |
थाम गैर बाहे मेरे जख्मो नमक वो लगा रहे है |
पुछा मैंने आप आए नही कल रात कहा थे |
इसकी इतनी जुर्रत मुझको फांसी वो चढ़ा रहे है |
मिलेगी इश्क मे ऐसी सजा मैंने सोचा हि नहीं |
मेरे दिल ए नादा को खंजर वो दिखा रहे है |
तुम ही तुम हो मंजिल मेरी कहते थे जो मुझे |
छोड़कर मुझको तन्हा देखो चले वो जा रहे है |
दगा देना था मुझको दिल लगाया ही क्यों था |
आता नही है दिल लगाना मुझको वो सीखा रहे है |
दिल तोड़कर है मेरा नाजो अदा वो मुस्कुरा रहे है |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -995550928

गीत- बेवफा हो सकता नही |

December 21, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

गीत- बेवफा हो सकता नही |
इश्क हो और रुसवाई न मिले हो सकता नहीं |
मेरे बिन तू और तेरे बिन मै रह सकता नही |
तेरी खामोसिया कहती है बहुत कुछ मगर |
आंखे कर जाती बया बिन कहे बहुत मगर |
तू मुझे और मै तुझे कभी भूल सकता नही |
मेरे बिन तू और तेरे बिन मै रह सकता नही |
तेरे दिल की बात रुक जाती जुबां आते आते |
तेरी यादे रुला जाती मुझे सदा जाते जाते |
तू मुझे मै तुझे बात दिल कह सकता नहीं |
मेरे बिन तू और तेरे बिन मै रह सकता नही |
अपनी मोहब्बत को मै बदनाम न होने दूंगा |
तेरे नाम को कभी मै सरेआम न होने दूंगा |
तू मेरी मै तेरी जुदाई कभी सह सकता नहीं |
मेरे बिन तू और तेरे बिन मै रह सकता नही |
सिलसिला खामोस मोहब्बत युही चलता रहे |
मिले ना हम दोनों कभी प्यार युही पलता रहे |
न तेरा न मेरा प्यार कभी मर सकता नहीं |
शहंशाहे दिल अपना तुझको बनाया है मैंने |
तुमको मुमताज़ खुद शहंशाह बनाया है मैंने |
तू मेरा मै तेरा कभी बेवफा हो सकता नही |
मेरे बिन तू और तेरे बिन मै रह सकता नही |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -995550928

भोजपुरी बिरह गीत- ये निरमोही सइया |

December 18, 2020 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी बिरह गीत- ये निरमोही सइया |
जड़वा के रतिया ननदी कटले ना कटात |
ये निरमोही सइया अँखिया नींदियों ना आत |
कराई के बिदाइ हमके घरवा बईठवला |
जबसे तू गईला संदेशवो ना पईठवला |
ये निरमोही सइया नैना लोरवो ना रुकात |
सड़ियो ना भेजला रज़इयो ना भेजला अबले |
कापेला देहीया मोर अकेले जड़वा बिताई कबले |
ये निरमोही सइया तोहरो सुरतिओ ना भुलात |
धनवा कटाई गइले गेंहुया बोआई कइसे |
खाद पानी लाई कईसे होई सिचाई कईसे |
ये निरमोही सइया देहिया औरी खेतवो सुखात |
बहे जब ठंडी बयरिया लहरे खेतवो कियरिया|
घरवा ना अइला पपीउ मोर बरसे नजरिया |
ये निरमोही सइया लाजे हम नईहरवों ना जात |
छोड़ी दा नोकरिया गावे करा खेती बरिया |
लगवे रहा हमरे मती जा अब तू बहरिया |
ये निरमोही सइया मोर जवनियों बीतल जात |
जड़वा के रतिया ननदी कटले ना कटात |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -995550928

भोजपुरी देवी पचरा गीत (कहरवा धुन) – रीझेली भवानी |

December 17, 2020 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी देवी पचरा गीत (कहरवा धुन) – रीझेली भवानी |
लाल लाल अड़हुल फुलवा टहकत डार |
ओहि फुलवा रीझेली भवानी |
अड़हुलवा सजल काली दरबार |
ओहि फुलवा रीझेली भवानी |
हथवा कटार माई चमचम चमकेला|
गरवा बीच हार माई महमह महकेला |
सिरवा ओढ़ेली भवानी ललका ओहार |
ओहि फुलवा रीझेली भवानी |
फुलवा लवंगीया माई के आहार हो |
झुमत झामत आवा घरवा हमार हो |
गिरले चरनिया भगता करा उपकार |
ओहि फुलवा रीझेली भवानी |
गिरि चरनिया रोई गावे भारती पचरवा हो |
किरीपा करा काली माई ओढ़ावा अचरवा हो |
जागा जागा देवी करा उजियार |
ओहि फुलवा रीझेली भवानी |
अड़हुलवा सजल काली दरबार |
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -995550928

भोजपुरी प्रेम गीत – तू बुझ लेतु ना |

December 7, 2020 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी प्रेम गीत – तू बुझ लेतु ना |
हमरो मनवा तू बुझ लेतू ना |
दिलवा के भाव जान समझ लेतु ना |
कईली तोहसे प्यार यार कइसे बताई |
बताई केतना बतिया केतना ना बताई |
गोरी बनिके चम्पा महक लेतू ना |
हमरो मनवा तू बुझ लेतू ना |
चढ़ल बा मनवा तोहरे प्यार के शरूर बा |
छोडब ना तोहके तोहे पावे के जरूर बा |
प्यार के नसवा तनी बहक लेतु ना |
हमरो मनवा तू बुझ लेतू ना |
चुनरिया सम्हारा उड़ावेला पवनवा |
नजरिया के बान मुआवेला परनवा |
खिल के फुलवा जान महक लेतु ना |
हमरो मनवा तू बुझ लेतू ना |
गोर बदनवा जईसे चमके बिजुरिया |
देखि कारी केसिया लजाले बदरिया |
बनी के बदरिया जान बरस लेतु ना |
हमरो मनवा तू बुझ लेतू ना |
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -995550928

ओज कविता- शिकार किया करते है |

December 2, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

ओज कविता- शिकार किया करते है |
पीठ पीछे से वार सदा सियार किया करते है |
हिन्द के जवान मुंह सदा हुंकार किया करते है |
नापाक दुशमनों तुम हमे क्या आजमाओगे |
सामने आओ हम शेर शिकार किया करते है |
चूपके से घुस आए हमारी सीमा बोलो तुम |
मुक्का कमर तोड़ बैरी चित्कार किया करते है |
बढ़ाकर हाथ दोस्ती पीठ पीछे खंजर वालो |
अहिंसा पुजारी हिन्द होशियार किया करते है |
दिखा पटाखा एटम बम की धमकी न देना तुम |
चौड़ी छाती हम राफेल हथीयार लिया करते है|
काश्मीर हमारा था और रहेगा तिरंगा फहरेगा |
पाक गैंग महबूबा तुम्हें गद्दार कहा करते है |
खाते हो जिस थाली मे छेद उसी मे करते हो |
देशद्रोहियों का तम्बू हम उखाड़ दिया करते है |
बन रहा मंदिर भगवान सब मिल श्रीराम कहो |
जाती धर्म की राजनित धिक्कार किया करते है |
भारत मे रहना मगर भारत की नहीं सुनना है |
सवींधान बिरोधियों हम सुधार किया करते है |
देश बिरोधी बोली वालों सुन लो ध्यान लगाय |
जीभ मे राख़ लगा हम उखाड़ लिया करते है |
डालकर गिद्ध निगाह खून काश्मीर बहाया था |
कर कत्लेआम पंडितो रातो रात मार भगाया था |
भेज आतंकियों सीमा जवान सैकड़ो शहीद किया |
खाया मार सैकड़ो बार पर उसने न सीख लिया |
चढ़ आया कारगिल की चोटी बड़ी भूल किया |
चलाया हमने भी तोप दुशमन को धूल किया |
किया सर्जिकल स्ट्राइक सबको मटिया मेट किया |
चुकाया बदला सबका जवानो ने सब सेट किया |
मर मिट जाएँगे हम सिर हिन्द न झुकने देंगे |
चला जो चक्र भारत का कभी न हम रुकने देंगे |
शेरे हिन्द बीर जवान सदा ललकार किया करते है |
हिन्द के जवान मुंह सदा हुंकार किया करते है |

जय हिन्द |
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

भोजपुरी देश भक्ति गीत- भारत महान हो |

November 30, 2020 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी देश भक्ति गीत- भारत महान हो |
हमरा हउवे जेकरा पर गुमान हो |
उ त हउवे हमरो भारत महान हो |
लोहा माने जेकरा दुनिया जहान हो |
उ त हउवे हमरो भारत महान हो |
जनवा से बढ़िके के माने सब अपने देशवा |
भिन्न भिन्न जाती हउवे भिन्न बाटे भेषवा |
सिमवा पर डंटल हरदम हमरो जवान हो |
उ त हउवे हमरो भारत महान हो |
ऊंचा रे गगन फहरे मगन मोर तिरंगवा |
मारी के भगाई दिहले गोर फिरंगवा |
जनवा गवाई हमहु आपन हिंदुस्तान हो |
उ त हउवे हमरो भारत महान हो |
जान चली जाई देशवा शान न जाई |
कफन पहिन आई देशवा आन न जाई |
सबके हउवे अपने हिन्द अभिमान हो |
उ त हउवे हमरो भारत महान हो |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

भोजपुरी गीत- गुलजार गोरिया |

November 27, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

भोजपुरी गीत- गुलजार गोरिया |
कइलु काहे हमसे तू प्यार गोरीया |
दगा देके काहे भइलू तू फरार गोरिया |
प्यार वाली बतियातू हमसे काहे कइलू |
दिल मे समाके काहे हमके भूल गइलू |
हमके बनवलु काहे तू दिलदार गोरीया |
दगा देके काहे भइलू तू फरार गोरिया |
रूपवा के रोशनी तोहरो हमहु नहईली |
अँचरा के चाँदनी हम सबके भुलइली |
मह मह महके गंध तोहार गोरिया |
दगा देके काहे भइलू तू फरार गोरिया |
हँसेलू त लगे जैसे मोती झर जइहे |
केसिया के लहरा मे बिजुरी गिर जइहे |
मुसकाई पागल कइलू दिल हमार गोरिया |
दगा देके काहे भइलू तू फरार गोरिया |
पाँव के पयलिया खूब छन छन बाजेले |
गोरे गाल करिया तिल निमन बड़ा लागेला |
चलेलु जईसे हिरनी के चाल गोरिया |
दगा देके काहे भइलू तू फरार गोरिया |
बोलिया तोहार मीठ मिसरी बुझाला |
हंसेलु त करेजा जस कटार धँसी जाला |
जिनगी भारती करा तू गुलजार गोरिया |
दगा देके काहे भइलू तू फरार गोरिया |
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

गजल- सोचा न था |

November 24, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

गजल- सोचा न था |
ठुकरा देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था |
दगा देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था |
खुद से भी जियादा एतवार था मुझे उसपर |
दफा कह देगा इस तरह कभी सोचा न था |
हुश्न वाले पत्थर दिल होते कहते है लोग |
दिल तोड़ देगा इस तरह कभी सोचा न था |
दुनिया दिल बसाएँगे साथ थी तमन्ना मेरी |
घर जला देगा इस तरह कभी सोचा न था |
निगाहों मे प्यार होठो मुस्कान एक धोखा था |
रुला देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था |
मेरी शुबह शाम उसके नाम क्या मंजर था |
खंजर चला देगा इस तरह कभी सोचा न था |
जान ओ जिगर मांग लेता मै हंस के दे देता |
मजधार डूबा देगा इस तरह कभी सोचा न था |
गुले गुलजार जाने बहार बस वही तो था मेरा |
गैर हाथ मिला लेगा इस तरह कभी सोचा न था |
उसके हुश्न ओ अदा सदा नाज करता था मै |
गैर बना देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था |
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

गज़ल -वो ठहरता नही है |

November 23, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

गज़ल -वो ठहरता नही है |
बातो मे करता प्यार मगर दिल से वो करता नहीं है |
वादे लाखो किए मगर जरूरत पर वो ठहरता नहीं है |
बुला पास मुझे करना गैरो कहकसा उसकी आदत है |
बदल गया मै उसकी खातिर मगर वो सुधरता नहीं है |
उसके इश्क का असर इंतजार जाग रात भर करता हूँ |
हर गली उसका जाना पास मगर वो फटकता नहीं है |
जब भी आया वो पास मेरे हर घड़ी घड़ी देखता रहा |
सुना दूँ अपने दिल की मगर मेरी वो सुनता नहीं है |
करता करम मेरे दुशमनों दिलोजान से बहुत है मगर |
बना बैठा खुदा मै जिसे कद्र मेरी वो करता नहीं है |
कितना बेबस आशिक हूँ मै मुझे बस वही चाहिए |
लाखो हसीं जहां मे मगर दिल कही बहलता नहीं है |

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

भोजपुरी छठ गीत 9 – चला धीरे धीरे

November 20, 2020 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी छठ गीत 9 – चला धीरे धीरे
सइयाँ दउरा लेके छठी घाट चला धीरे धीरे |
डूबते सुरुजमल अरघिया चढाइब तीरे तीरे |
खुश होइहे छठी मईया किरीपा खूब करीहे |
पूरा करीहे मनसा हमरो अँचरा भरी दिहे |
सुपवा सजवली संगवा हमरे चला भिरे भिरे |
सइयाँ दउरा लेके छठी घाट चला धीरे धीरे |
नदिया किनरवा घाट आज मेला खूब लागी |
धूप दिया नारियर केरा लेला तनी आगी |
छठी मईया मनाइब बहाई नैना नीरे निरे |
सइयाँ दउरा लेके छठी घाट चला धीरे धीरे |
गोदीया बलकवा दिहे घरवा अन धनवा |
ब्र्म्हा मानस पुत्री मईया लागल मोर मनवा |
बड़ा रे कठिन छठ बरतिया करा धीरे धीरे |
सइयाँ दउरा लेके छठी घाट चला धीरे धीरे |
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

भोजपुरी छठ गीत 6 – छठ करे कैसे घरे जाई |

November 15, 2020 in भोजपुरी कविता

भोजपुरी छठ गीत 6 – छठ करे कईसे घरे जाई |
लागल सिमवा पर लड़ाई छठ करे कैसे घरे जाई |
दौरा छठ घाट के पहुंचाई छठ माई करा कुछ उपाई |
छठ करे कैसे घरे जाई |
के हो लियाई गेंहुआ के जाई पीसना पिसाई |
केरवा के घनिया उखिया डलिया कईसे आई |
छठ करे कैसे घरे जाई |
पापी पाकिसतनवा बेरी बेरी गोलवा चलावेला |
बदला लेवे बीना हमरो खूब मनवा सतावेला |
आई छठ मईया होखा मोर सिमवा सहाई |
छठ करे कैसे घरे जाई |
मारी दुशमनवा घरे हम जाइब छठ मनाइब |
डूबते सुरज छठ घाट अरघ हम चढ़ाइब |
नारियल केरा पुआ पकवान सुपवा चढ़ाई |
छठ करे कैसे घरे जाई |
गईया के घियवा धूप कपुरवा माटी के दियवा |
गेंहुया के ठेकुआ बंसवा के डलिया फलवा |
भोर भीनसरवा उगते सुरज अरघ हम चढ़ाई |
छठ करे कैसे घरे जाई |
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

New Report

Close