कविता- तेरी महिमा न्यारी

महिला दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए |

कविता- तेरी महिमा न्यारी

हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
प्यार द्या दान धर्म की है मूरति तू प्यारी |
एक है तू तेरे रूप अनेक खेले गोद त्रिदेव महेश |
नर्मदा सीता सावित्री अनुसुईया दे तू हमे आशीष |
जननी भार्या बहन प्रेयसी तुझपे जग बलिहारी |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
करुणा कृपालु दयालु करती प्रेम की है वर्षा तुम |
मोह माया ममता समता क्षमा दया देती हर्षा तुम |
तू जग से या तुझसे जग सारी सुधि ले लो हमारी|
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
धरती नदिया दरिया प्रकृति की प्रतिमूर्ति तुम हो |
साँझ शुबह रात चांदनी पुरुष सहयात्री तुम हो |
भूख पुत्र मिटे हर कस्ट कटे जाग रात है गुजारी |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
पतित पावनी गंगा यमुना गोदावरी शीतल जल हो |
भूत भविष्य वर्तमान घटित हर घटना का पल हो |
ईश्वर प्रदत्त धरती तुम अनमोल रत्न हस्ती तुम्हारी |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
जिसने जितना जाना उसने तुमको कुछ न जाना |
तुमको क्या खोना या क्या खोकर सब कुछ पाना |
जो मिला संतोष किया न मिला न अफसोस न लाचारी |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
बहाये प्यार का दरिया मिले तुझे सम्मान तू करुणामयी |
घात आघात धोखा फरेब नफरत बदला देती क्षमा दयामयी |
बन लक्ष्मी धन धान्य भरे ज्ञान की देवी दुस्टों की काली |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
गर तू नही कुछ भी नहीं बिन तेरे जग है सुना सुना |
फले फुले सृस्टी चहक महक रहे प्रभु ने तुझको चुना |
और न महिमा नारी लिख पाने की भारती की लाचारी |
हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

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Responses

  1. हे नारी महिमा तेरी न्यारी तुझसे है जग सारी |
    करुणा कृपालु दयालु करती प्रेम की है वर्षा तुम |
    मोह माया ममता समता क्षमा दया देती हर्षा तुम |
    —— वाह भारती सर की बहुत सुंदर रचना। आध्यात्मिक पुट के साथ नारी महिमा का बहुत सुंदर चित्रण किया है वाह।

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