अपने साये

अपने साये भी अब अनजान नज़र आते है
बिन बुलाये से मेहमान नज़र आते है
हर शक्स उदास हर रिश्ते अब तो
पत्थरों से ये बेजान नज़र आते है
राजेश’अरमान’

Related Articles

नज़र ..

प्रेम  होता  दिलों  से  है फंसती  नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…

दोस्ती

कभी बुलाये प्यार से कभी बुलाये मजाक से ज़िन्दगी की हर घडी ये साथ देती है दोस्ती होती ही ऐसी है दिल होवे गम में…

Responses

+

New Report

Close