*आओ फिर से वृक्ष लगाएं हम*

विधा– नारा लेखन*
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वसुधा को बनाएं फिर से रत्नगर्भा हम
आओ फिर से वृक्ष लगाएं हम।
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सिर्फ एक दिन ही वृक्ष लगाने से न पूरा होगा कर्तव्य
पर्यावरण और हरित धरा बचाने को लुटाना है निज सर्वस्व
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एक अकेले से कुछ न होगा
हमें चाहिए सबका साथ
धरती मां की रक्षा को
मिलकर बढ़ाओ सब अपने हाथ
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स्वरचित एवं मौलिक
–✍️ एकता गुप्ता ‘काव्या’

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