इंसान कहते हैं
पड़े को अफ़्त अदा कर दे जो,
निराश के मन आस के भाव भर जो,
विषाद के वक्त पर हौसला दे जो,
उसे अलीम कहते हैं,
उसे इंसान कहते हैं।
आदमियत की आराईश
उसे कहते हैं,
जब वो किसी गरीब की
मदद में रहते हैं।
आसिम से आहिस्ता सभी
दूर जाते हैं,
नहीं तो इत्लाफ होकर
बिखर जाते हैं।
बहुत सुन्दर, उच्च स्तरीय रचना