एक सी बात कहां

हमारी और उनकी
एक सी बात कहां,
वो हैं सच के पुजारी
झूठ की बोरियां हम।
रात सोती है दुनियां
जागते खामखां हम
दिल्लगी कर न पाए
बन गए बेवफा हम।
शक उठा आज मन में
हमारे प्रति उनके
तड़पते रह गए हम
याद में रोज जिनके।

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

  1. परेशान व्यक्ति के हृदय के भावों का यथार्थ चित्रण किया है कवि ने।
    किन्तु कभी कभी नाराज़ दोस्त से बात करने से गलतफमियां दूर हो जाती हैं…… क्षमा करना ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैं।

    1. बहुत सुन्दर समीक्षा, आपकी समीक्षा शक्ति को सैल्यूट, आपके व्यक्तिगत विचार हमारे विचारों से दुराव नहीं रखते हैं।, बल्कि सामंजस्य रखते हैं। इसलिए आपके प्रत्येक विचार का स्वागत है। यह शेरो-शायरी का दौर चल रहा था, सो चलते चलते परानुभूतिक संवेदना थी, अंकित हो गई,

+

New Report

Close