‘करवाचौथ का व्रत’
चाँद को देखा और छुप गई
अपनी चादर में प्रज्ञा
पीपल की टहनी को हटाकर
चाँद ने झाँका जब मुझको
मैं भोली फिर थोड़ा मुसकाई
मुझको जब आई लज्जा
करवाचौथ का व्रत रखकर मैं
चाँद को तकने बैठी हूँ
वो चाँद तो बिल्कुल फीका है
मेरा चाँद है सुन्दर सबसे ज्यादा
आज चाँद आएगा छत पर
अपने साथ चाँद मेरा लेकर
यही सोंचकर सोलह श्रृंगार कियें हैं
अब देर ना कर चंदा जल्दी आजा….
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - November 4, 2020, 7:16 pm
अतिसुंदर रचना
Pragya Shukla - November 4, 2020, 7:17 pm
आभार आपका
Rishi Kumar - November 4, 2020, 8:25 pm
अति सुंदर रचना
Pragya Shukla - November 5, 2020, 12:03 pm
Thanks
Geeta kumari - November 4, 2020, 9:09 pm
बहुत सुंदर
Pragya Shukla - November 5, 2020, 12:03 pm
Thanks
vivek singhal - November 5, 2020, 11:22 pm
चाँद को देखा और छुप गई
अपनी चादर में प्रज्ञा
पीपल की टहनी को हटाकर
चाँद ने झाँका जब मुझको
मैं भोली फिर थोड़ा मुसकाई
मुझको जब आई लज्जा
अति उत्तम रचना
सुंदर शिल्प नई उपमा का प्रयोग करके आपने चाँद को और खूबसूरत कर दिया है प्रज्ञा मैम..👏👏👏👏👏
Pragya Shukla - November 6, 2020, 2:54 pm
Tq
Dhruv kumar - November 8, 2020, 9:48 am
Nyc