क्या पता कल हो ना हो
क्या पता इस ज़िन्दगी में,
आज सा कल हो ना हो
क्या पता इस ज़िन्दगी में,
अब जैसा पल हो ना हो
आज सी खुशियां ना हो तो..
आज जैसे ग़म ना हों
आज मिल रहा है जितना,
कल उससे भी कम ना हो
क्या पता……
आज मिल रही रौशनी,
क्या पता कल तम भी ना हो
तो आज को खोना नहीं,
खो दिया तो रोना नहीं
आज अगर तेरा ये बीता,
तेरे हाथ से तो ये रीता
_____✍️गीता
True line
Thank you very much pragya
Welcome dear
आने वाले पल का किसी को भी नहीं पता होता है , इसी बात को समझाती हुई बहुत सुंदर रचना
वाह, बहुत सुंदर
बहुत खूब
बहुत बहुत शुक्रिया भाई जी