चाय की प्याली
तेरे साथ बिताई मस्ती और चाय की वो चुस्की याद आई है,
लो आज फिर से बीते लम्हों की एक बात याद आई है,
तेरे साथ बैठ कर जो बनाई थी बातें,
उन बातों से फिर से दो कपों के टकराने की आवाज आई है,
छोड़ दी थी चाय की प्याली कभी की हमने,
मगर आज फिर से तेरे साथ चाय पीने की इच्छा बाहर आई है॥
राही (अंजाना)
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Nitesh Chaurasia - February 15, 2017, 4:53 pm
Wah
राही अंजाना - February 15, 2017, 5:06 pm
Thanks dada
Neha Saxena - February 16, 2017, 12:24 pm
Waah
Abhishek kumar - November 25, 2019, 8:31 pm
Awesome