जाने कैसी हैं तुम्हारी यादें !!
जाने कैसी है तुम्हारी याद
वक्त बेवक्त आती है
कभी मुह ढक कर
कभी मुह दिखाई के लिए आती है
तुम्हारे नाम का सिन्दूर लगा कर
मुझे रोज चिढ़ाती हैं
सिरहाने पर बैठ कर कोई
विरह गीत गाती हैं
जाने कैसी हैं तुम्हारी यादें…!!
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