“जिन्दगी का पन्ना”
किसी से कुछ कहना
अच्छा नहीं लगता
पर खामोश रहना भी
अच्छा नहीं लगता
पर्त दर पर्त खुलता जा रहा है
जिन्दगी का पन्ना,
पर हर पन्ना यूं
बेवजह पलटना
अच्छा नहीं लगता
तुम्हारी आँखों में
डूबे रहते थे
बेसुध होकर
अब तुम्हारी
आँखों में नशा
अच्छा नहीं लगता….!!
वाह, मन के भावों की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
धन्यवाद दी
Very nice
धन्यवाद
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति
धन्यवाद
वाह क्या बात है
धन्यवाद