फूल

मैं फूल हूँ ,कांटे मेरी राह में
चन्दन हूँ , विष धार मेरी छाओं में

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

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