Categories: शेर-ओ-शायरी
Related Articles
हवा
वसंती आयी वसंती आयी देखो देखो वसंती आयी साथ में हरियाली लायी फूलों की महक लायी भौरो को संग लेकर आयी ओंस की बूदो को…
कविता – बरखा तुम आओ
कविता – बरखा तुम आओ मिटे जलन तपन गर्मी बरस तुम जाओ | मनाए हम उत्सव तेरा बरखा तुम आओ | तप रहे खेत ताल…
सावन
चला शावर है अंबर से भिगोने धरती का आंगन खिला हर पात डाली का बही गंगधार भी कलकल करे कलरव हर पंछी चली है नाव…
एहे बरस के सावन मे (भोजपुरी गीत)
सावन में सावन में, एहे बरस के सावन मे आवऽ न गोलकी झूला झूलाईं एहे बरस के सावन मे सावन में सावन में , एहे……………………………………..…
बरखा की फुहार
तपती धरती पर पड़े, जब बरखा की फुहार, सोंधी सुगन्ध से महके धरती, ठंडी चले बयार। मयूर नाचे झूम – झूम कर, बुलबुल राग सुनाए,…
Nice
वाह
Good
Nyc
Nyc
Nice