मीठी यादें
तन्हा बैठे ना जाने कुछ सोच कर
आ जाती हंसी
कुछ बातें कुछ यादें कुछ गुज़रे लम्हे
अकेलेपन का फायदा उठाकर घेर लेते चुपचाप अचानक
जैसे कोई आंखों पर हाथ रखकर
सामने आकर मुस्कुराया हो
फिर कोई लम्हा
सितारों सा जगमगाया हो।
निमिषा सिंघल
बहुत सुंदर
Dhanyavad
Nice
Thank you
Thank you
Nice
Thanks dear