Categories: हिन्दी-उर्दू कविता

Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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मैं तुमको जबसे खुदा मान बैठा हूँ! ज़िन्दगी को दर्द-ए-शुदा मान बैठा हूँ! खोजती हैं महफिलें जमाने की मगर, हर शक्स से खुद को जुदा…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
भोजपुरी गीत- नींदिया भईल फरार |
भोजपुरी गीत- नींदिया भईल फरार | नींदिया भईल फरार जान जबसे तोहसे प्यार हो गईल| जियल भईल मुहाल नैना जबसे चार हो गईल | जईसन…
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किसी ने कहा है कि प्रेम की कोई जात नहीं होती, कोई मजहब नहीं होता ।मगर हर किसी की समझ में कहां आती है…
वाह, वाह!
kya bat mahadev ji
Jai ho