मेरी छोटी-सी गुड़िया
छोटी-सी है पर बड़ी शैतान है
उसी में बसती हर पल मेरी जान है
नादानियों पर उसकी
बड़ा प्यार आता है मुझको
मैं ही नहीं पूरा परिवार
प्यार करता है उसको
ना जाने कहाँ की
बोलती है वह भाषा
हो जाए झट से बड़ी
यही है हम सबकी आशा
बहुत प्यारी है मेरी छोटी-सी गुड़िया
लगती है जैसे हो आफत की पुड़िया
बहुत ही शानदार प्रस्तुति प्रज्ञा जी
Thanks
Very nice
Thank u so much
बहुत खूब
बिटिया रानी पर बहुत ही सुन्दर कविता