रखो मत संशय मन में
बीते दिन से सीख कर, कदम बढ़ा लो आज,
जीवन को भरपूर जियो, जी लो पल पल आज,
जी लो पल पल आज, रखो तुम आशा कल में,
आज बदल जाएगा, जल्दी से बीते कल में।
कहे कलम तुम आज न खोना कल के गम में,
बीते से लो सीख, रखो मत संशय मन में।
बीते दिन से सीख कर, कदम बढ़ा लो आज,
जीवन को भरपूर जियो, जी लो पल पल आज,
जी लो पल पल आज, रखो तुम आशा कल में,
आज बदल जाएगा, जल्दी से बीते कल में।
कहे कलम तुम आज न खोना कल के गम में,
बीते से लो सीख, रखो मत संशय मन में।
Please confirm you want to block this member.
You will no longer be able to:
Please note: This action will also remove this member from your connections and send a report to the site admin. Please allow a few minutes for this process to complete.
कहे कलम तुम आज न खोना कल के गम में,
बीते से लो सीख, रखो मत संशय मन में।
_______बीते दिनों से सीख लेने के बारे में बताती हुई और वर्तमान की अहमियत को समझाती कवि सतीश जी की दोहा छंद में बहुत ही सुंदर और प्रेरक पंक्तियां।लाजवाब रचना
बहुत ही उम्दा
Nice very nice poem
Nice poem
अतिसुंदर भाव