रावण अभी जिंदा है
रावण अभी जिंदा है
अमृत सुखा के नाभी का
रावण कहाँ मर पाया है
वापस अयोध्या लौटे तो
फिर से जिंदा पाया है
पहले लंका में रहता था
अब प्रजा के मन में पाया है
रावण कहाँ मर पाया है
वहीं प्रजा के मन में बैठ
सीता पर दोष लगाया है
सीता को वनवास करा कर
फिर से अलग कराया है
रावण कहाँ मर पाया है
कलयुग में भी कहा नहीं है
हर चौराहे पे पाया है
अहम आज भी मिटा न उसका
कि मुझे कौन मार पाया है
रावण कहाँ मर पाया है |
बहुत सुन्दर और सच्ची रचना
आपका आभार गीता जी
बेहतरीन सृजन
Aabhar apka