वक्त गुजरता है मगर खामोशी नहीं जाती

वक्त गुजरता है मगर खामोशी नहीं जाती!
तेरी #चाहतों की मदहोशी नहीं जाती!
किसतरह अब रोकूँ मैं यादों का सिलसिला?
धड़कनों से तेरी सरगोशी नहीं जाती!

Composed By #महादेव

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मुक्तक

वक्त जाता है मगर खामोशी नहीं जाती! तेरे हुस्न की कभी मदहोशी नहीं जाती! फैली हुई है हरतरफ यादों की ख़ुशबू, तेरी चाहतों की सरगोशी…

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