विजयादशमी
सभी को विजयादशमी की शुभकामनाएं
नि:संदेह मेरा दहन किया जाए।
परंतु केवल वो ही समक्ष आए।
जिसमें न हो रत्ती भर अहंकार।
जिसने न किया हो व्यभिचार।
जिसने किया पतितों का उद्धार।
जिसने किया पर-दुखों का संहार।
केवल वो ही समक्ष आए।
जो माता-पिता का आज्ञाकारी हो।
जो बंधु-बांधुओं का हितकारी हो।
जो धैर्य, शील और संयम धारी हो।
जिसके शरण में सुरक्षित नारी हो।
केवल वो ही समक्ष आए।
जो स्त्रियों का सम्मान करता हो।
जो अंश भर भी मर्यादा धरता हो।
जो कोई पाप करने से डरता हो।
जो पाप की ग्लानि से मरता हो।
केवल वो ही समक्ष आए।
जिसने पर-स्त्री पर कुदृष्टि न डाली हो।
जिसने स्त्रियों की अस्मत संभाली हो।
जिसने गर्भ से बचाकर बेटियाँ पाली हो।
जिसने वृद्धों को, घर से ना निकालीं हो।
केवल वो ही समक्ष आए।
अपने मन-अंतर्मन के रावण का करो हनन।
श्रीराम के मर्यादा का, अंश मात्र करो वहन।
वचन देता मैं दशानन, स्वयं हो जाऊँगा दहन।
मनाएँ असत्य पर सत्य विजय का पर्व पावन।
देवेश साखरे ‘देव’
Nice
Thanks
वाह जी वाह क्या बात है
धन्यवाद
Happy vijaydashmi
आपको भी
😀
Bahut sundar
धन्यवाद
Good
Thanks