Categories: हिन्दी-उर्दू कविता

Antariksha Saha
Hi Everyone,
I am from Kolkata.Land of culture and heritage.These are my creations.Please post your comment if you like it
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…….गुज़र जाएगा…..
( दुनियां ) एक सोच में डूबी हूँ क्या करूँ और किस काम को छोड़ दूं…. महाकाल , भयावह काल , कोरोना काल का यह…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
आज जाने की ज़िद ना करो
सोचो कभी तुमसे मुलाकात हुई तो आमने सामने तुम और मै इतने अभिमान कितने शर्म सोचो कभी तुमसे मुलाकात हुई तो और तुम किसी और…
तेरा मेरा रिश्ता
तेरा मेरा रिश्ता यूई की आंखों से बहते आँसुओं को रूह की नजर से देख यह आँखें मेरी हैं पर आँसू तेरे हैं इन आंसुओं…
अपहरण
” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…
वाह बहुत सुंदर रचना
धन्यवाद
Good
Thanks