संघर्षों में जीवन की तू परिभाषा कहलाती है
संघर्षों में जीवन की तू परिभाषा कहलाती है,
रंग बिरंगी तितली सी तू इधर उधर मंडराती है,
खुद को पल- पल उलझा कर तू हर मुश्किल सुलझाती है,
खुली हवा में खोल के बाहें तू मन ही मन मुस्काती है,
आँखे बड़ी दिखाकर तू जब खुद बच्ची बन जाती है,
मेरे ख़्वाबों को वहम नहीं तू लक्ष्य सही दिखलाती है।।
राही (अंजाना)
bahut sundar…laazbaab
Thank you
very nice sir good job
Thanks
?????????
Thank you
Waah
Thank you
Waah
Thank you