सरगी लेकर आई है
उठ जा लाडो सरगी लेकर
तेरी सासु अम्मा आई है।
हाथ दिखाओ मेंहदीवाली
कित प्रीत पिया की पाई है।।
पहिला रंग पिया का प्यार ।
दूजा सास-ससुर का लाड़।।
तीजे गण गौरी की भक्ति
बीच हथेली छाई है।। उठ जा….
उपवास रखेगी लाडो मेरी
गणपति जी की भक्ति में।
रहो सुहागन सुख शांति से
धन आयु बल बुद्धि में।।
पौ बारह नित रहे पिया की
भावना हृदय समाई है।। उठ जा…
सास बहू में अन्तर कैसा
दोनों नारी ममता की मूरत।
एक पति की एक बेटे की
बनी हितैषी और जरूरत।।
‘विनयचंद ‘ की लेखनी भी
एक माँ की ममता गाई है।। उठ जा…
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Rishi Kumar - November 4, 2020, 12:38 pm
🤔😀✍✍✍
Very good👍👍👍
Geeta kumari - November 4, 2020, 1:58 pm
वाह भाई जी बहुत सुंदर रचना । करवा चौथ पर सास बहू के प्यार की अनूठी कविता
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - November 4, 2020, 7:18 pm
शुक्रिया बहिन
Pragya Shukla - November 6, 2020, 7:45 pm
वाह सर
Dhruv kumar - November 8, 2020, 9:50 am
Wah