सावन
सावन
बारिश कि फुहार ने रंग दिया सारा संसार
कौन सुना किसने सुना पपीहा करे पुकार
सुन के गर्जना मेघों की नृत्य लुभाता मोरनी को
सावन ये मनभावन हैं प्रेम लताएं प्रफुल्लित है
सावन के झूलों पर बरखा भी इठलाती है
रंग हरियाली छायी हैं बादरी भी सरमाया है
रंग बिरंगे फूलों पर भंवरा भी मंडराया हैं
हरी चुनरिया ओढ़ कर बैठी धरती भी हर्षायी है
आज जब बरसा सावन भीगा मेरा तन मन सारा
प्यार कि अनोखी छलक हमारा याद रखें दुनिया सारा
सावन कि फुहार में प्यार कि रंग से रंगना राधा
तुम भी भिगो मैं भी भिगु प्यार ना रहे हमारा आधा
गीत गाओ सुमंगल सावन झूम कर आया हैं
प्रेम लुटाती गले लगाती खुशीयों का दिन आया हैं
ऋतु झांक रही मनमोहक सावन देखो आया हैं
बसंती बयार बह रही हैं गीतों का मौसम छाया हैं
महेश गुप्ता जौनपुरी
Nice