अरे, न हो, इतना निराश तू
अरे, न हो, इतना निराश तू
बाधाएं आती रहती हैं,
मगर हौसले रहें बुलंद तो
खुशियां कदम चूमा करती हैं।
असफलताओं से मत घबरा
सच्ची में तू मेहनत कर ले,
सच्चाई पर विश्वास जगा
बाकी से अब दूरी रख ले।
अरे, न हो, इतना निराश तू
बाधाएं आती रहती हैं,
मगर हौसले रहें बुलंद तो
खुशियां कदम चूमा करती हैं।
असफलताओं से मत घबरा
सच्ची में तू मेहनत कर ले,
सच्चाई पर विश्वास जगा
बाकी से अब दूरी रख ले।
You must be logged in to post a comment.
Please confirm you want to block this member.
You will no longer be able to:
Please note: This action will also remove this member from your connections and send a report to the site admin. Please allow a few minutes for this process to complete.
वाह सर वाह, बहुत खूब
कवि सतीश जी की , असफलतओं से सफलता की ओर कदम ले जाती हुई बहुत ही शानदार रचना . मेहनत करने की प्रेरणा देती हुई सकारात्मक दृष्टिकोण से परिपूर्ण अति सुन्दर कविता और उसकी सुंदर प्रस्तुति. लेखनी की प्रखरता को अभिवादन .
बहुत सुंदर पंक्तियाँ वाह
वाह , बहुत ही बढ़िया