Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: शायरी
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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लूटा है
झील सा जिस्म ओढ़ कर तुमने मुझको लूटा हैं, ईश्क से बुखार कर देने वाली बातो ने मुझको लूटा हैं, शौक नहीं था मुझे मर…
अंधेरों ने नही लूटा हमको
अंधेरों ने नही लूटा हमको उजालो नी ही आग लगाई है …… यूई
उम्मीद
गम के फसाने को तेरी खुशियों ने लूटा , तेरी हर दीद की उम्मीद ने अखियों को लूटा , उजाले की हर किरन को तूनें…
…….गुज़र जाएगा…..
( दुनियां ) एक सोच में डूबी हूँ क्या करूँ और किस काम को छोड़ दूं…. महाकाल , भयावह काल , कोरोना काल का यह…
“बिटियाँ . . .”
रब का अनमोल वरदान बिटियाँ हैं | ज़ैसे की, तुफ़ान से टकराता दिया हैं | रिश्तों के मोती तो अक़्सर बिख़र ज़ाते, मगर, दो परिवारों…
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