उम्र भर पछताते रहे

तुम्हारे होठों पर वो लफ़्ज़
कभी ना आए
जो हम सुनने के लिए बेकरार रहे
मिलने तो रोज आते रहे तुम
पर दिल के जज्बात
कभी ना कहे
देने को रोज
लाते रहे गुलाब तुम
पर हमेशा पीठ के
पीछे छुपाते रहे,
कहा नहीं जो कहना था मुझसे
बस यूं ही उम्र भर पछताते रहे।
अतिसुंदर भाव
Thanks a lot
Nice
Thanks a lot
बेचारा चाह कर भी चुप रहा। किसी को चाह के रहना भी कोई खता तो नहीं।
आभार आपका
Nice
धन्यवाद