किरदार
सबने अपने किरदार पर पर्दे डाल रखे है।
फैसला मेरा करेगे यह वहम भी पाल रखे है।
सबने अपने किरदार पर पर्दे डाल रखे है।
फैसला मेरा करेगे यह वहम भी पाल रखे है।
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अपने किरदार पर डालकर पर्दा|| हर कोई कह रहा है ज़माना ख़राब है.. यह अली अकबर की शायरी है। अतः किरदार पर पर्दा अली अकबर की शायरी का मूल है। अतः मौलिकता का अभाव प्रतीत होता है।
बुरा मत मानियेगा।
उपरोक्त शब्दों का चयन मेरे द्वारा किया गया है।साहित्य एक सागर है और इसमें अली अकबर जैसे लाखों लोगो की अनगिनत रचनाये समाहित है।
जहाँ संयोग मात्र से भी शब्द चयन समान हो सकता है।
इसलिये सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की चेष्टा करे।
अन्यथा न ले।
जबर्दस्ती की टिप्पणी न करे।
वहम पाल रखे है
भी किसी पुरानी शायरी में पूर्व आ चुका है
अहम ने ये वहम पाल रखा है
कि सब कुछ मैंने ही संम्भाल रखा है।
वहम पालना एक proverb भी है मित्र।इसका ये मतलब नही इन शब्दों को अछूता छोड़ दिया जाये।
शब्दों के चयन के लिये हम स्वतंत्र है।
वहम पाल रखे है????
क्या उपरोक्त शब्दों का प्रयोग अब साहित्य मे बन्द हो जायेगा???
शब्दों पर किसी का एकाधिकार नही होता मित्रो।जो पूर्व में किसी के द्वारा शब्द प्रयोग किये जा चुके है।क्या हम उनको प्रयोग नही कर सकते????
kyon nhi karenge. Kavita likhane ke liye
Kya shabdkosh kahi aur se laayenge?
सुन्दर रचना
सटीक अभिव्यक्ति
🙏
वाह
🙏
👌👏👏
🙏
Nice
👍
विवादित शब्द को लेकर मेरी भी छोटी सी कोशिश
कहानी लापता है, किरदार की खबर नहीं
फिर भी वहम है कि मेरा जाता ही नहीं
Waah di
👌👌
धन्यवाद वसुंधरा जी आपने मेरे लिए इतना किया
Nice
🙏
बिल्कुल ठीक कहा है ।यहा हर चेहरे पर नकाब चढा।
धन्यवाद
लाजवाब