खुद पर रख विश्वास
मगन हुआ मन आज है, उछल रहा उत्साह,
जीवन जी लूँ खुश रहूँ, खुद पर रख विश्वास।
खुद पर रख विश्वास, बढ़ूँ, प्रसन्न रहूँ मन,
जो दे ईश उसी में हो संतोष मेरा धन।
कहे लेखनी सत्य, भरा विस्तार गगन,
इसीलिए तो हुआ, आज मन खूब मगन।
मगन हुआ मन आज है, उछल रहा उत्साह,
जीवन जी लूँ खुश रहूँ, खुद पर रख विश्वास।
खुद पर रख विश्वास, बढ़ूँ, प्रसन्न रहूँ मन,
जो दे ईश उसी में हो संतोष मेरा धन।
कहे लेखनी सत्य, भरा विस्तार गगन,
इसीलिए तो हुआ, आज मन खूब मगन।
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वाह क्या बात है सर खूब लिखा है आप ने
कहे लेखनी सत्य, भरा विस्तार गगन,
इसीलिए तो हुआ, आज मन खूब मगन।
_________ सत्य और विश्वास की और प्रेरित करती हुई कवि सतीश जी की छंद शैली में बहुत श्रेष्ठ रचना, अति उत्तम लेखन… वाह
बहुत शानदार रचना
बहुत सुंदर
बहुत ही सुंदर छंदयुक्त रचना