गाय बेचारी
होड़ा होड़ी आज सड़क पर ,
कुत्तों को दूध पिलाने की।
कचड़े खाती गाय बेचारी
हाय, कैसी सोच जमाने की ।।
राहु केतू के चक्कर में
क्यों लक्ष्मी को ठुकराते हो ।
दूध दही घी सुधा सरस
छोड़ सुरा क्यों अपनाते हो।।
होड़ा होड़ी आज सड़क पर ,
कुत्तों को दूध पिलाने की।
कचड़े खाती गाय बेचारी
हाय, कैसी सोच जमाने की ।।
राहु केतू के चक्कर में
क्यों लक्ष्मी को ठुकराते हो ।
दूध दही घी सुधा सरस
छोड़ सुरा क्यों अपनाते हो।।
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Nice
धन्यवाद
दूध दही घी सुधा सरस
छोंड़ सुरा क्यों अपनाते हो
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
समीक्षा हेतु हार्दिक आभार
बहुत सुंदर पंक्तियां
धन्यवाद