ज़िन्दगी एक पहेली
************ हास्य रचना*********
एक सखी ने पूछा वॉट्सअप पर दूजी से,
क्या चल रहा है ज़िन्दगी में…
दूजी वाली बोली…
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पहली ने कहा, ये क्या है,कुछ समझ नहीं आया..
दुजी वाली बोली, वो ही तो..
तुम्हें कैसे बताऊं, कैसे समझाऊं
समझ तो मुझे भी नहीं आया..
वाह वाह क्या कहने
बहुत बहुत धन्यवाद आपका भाई जी 🙏
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ, पंक्तियों ने मुस्कान ला दी। लाजबाब हास्य रचना गीता जी। केवल हास्य ही नहीं भाव पर जबरदस्त पकड़ है।
भाव समझने और पकड़ने के लिए आपका बहुत शुक्रिया सतीश जी
वाह वाह
बहुत बहुत धन्यवाद आपका चंद्रा जी 🙏
बहुत बढ़िया
बहुत बहुत धन्यवाद आपका सर 🙏
bahut khoob
बहुत शुक्रिया आपका इन्दु जी 🙏