ज़िन्दगी का सार
हुआ .गर विरोध तो क्या बिखर जाऊंगी?
रफ़्तार करूं मैं दुगनी, और निखर जाऊंगी।
जीवन में जीत हैं तो हार भी हैं,
यही तो जीवन है, ज़िन्दगी का सार भी है।
सागर है विशाल, लहरें भी ऊंची, तो क्या हार जाऊंगी?
खेती रहूंगी नैया, उस पार जाऊंगी ।।
Bahut ache
शुक्रिया जी
Nice
बहुत सारा धन्यवाद 🙏
यही यथार्थ जीवन है
Thank you ji🙏
Good
Thank you
Nice
Thanks for your nice complement
वाह क्या बात है
Thanks for your pricious complement Piyush ji 🙏