जीवन शैली क्यों बदल रहे हो
अभी कोरोना खत्म नहीं है,
अभी से घर से क्यों निकल रहे हो।
अभी तो वैक्सीन लगी नहीं है,
बढ़ रहा है यह रोग फ़िर से,
यह बात समझ क्यों नहीं रहे हो।
मास्क भी उतार फेंका,
सामाजिक दूरी भी नहीं है।
ऐसा गजब तुम कर क्यों रहे हो।
अभी कोरोना खत्म नहीं है,
अभी से,जीवन शैली क्यों बदल रहे हो।।
_____✍️गीता
बिल्कुल सही 👍
कोरोना के प्रति लापरवाही सही नहीं है।
बहुत-बहुत धन्यवाद सर
वाह बहुत सुंदर रचना। महामारी से बचने का एक मात्र उपाय है,
सावधानी रखना। कवि गीता जी की कविता उच्चस्तरीय कविता है।
इस सुंदर और प्रेरक समीक्षा हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी
बहुत सुंदर रचना
Thanks for your precious compliment Kamla ji.
वाह अति उत्तम
सादर धन्यवाद सर 🙏
कोरोना काल मे लापरवाही बिल्कुल सही नहीं है
सुंदर